बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnatak) में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पार्टी को मजबूत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा(BS Yediyurappa) की राज्यव्यापी दौरे की योजना (State tour plan) को लेकर अलग-अलग गुटों में बंटी (Divided) नजर आ रही है।
येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपते हुए दौरे की योजना की घोषणा की थी। अब वह गणेश चतुर्थी के बाद दौरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और पार्टी के नेताओं को लगता है कि दिग्गज नेता के दौरे से लोगों के बीच अनावश्यक भ्रम पैदा होगा। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार ने अच्छी शुरुआत की है, येदियुरप्पा का दौरा एक अलग तरह का संदेश देगा। आलाकमान ने येदियुरप्पा को राज्यपाल पद के लिए मनाने में विफल रहने के बाद, बोम्मई को इस संबंध में उन्हें मनाने की जिम्मेदारी दी है और येदियुरप्पा को पार्टी की योजना के अनुसार राज्यव्यापी दौरा करने के लिए राजी किया है।
येदियुरप्पा के परिवार ने उन्हें राज्य का दौरा करने के लिए 1.3 करोड़ रुपये की टोयोटा वेलफायर लक्जरी वाहन उपहार में दिया है, ताकि 78 वर्षीय नेता का सफर आरामदेह हो। वाहन के शीर्ष पर एक आउटलेट भी है, जिस पर खड़ होकर वह लोगों से मिले बिना, भीड़ से गुजरते हुए अपना हाथ लहरा सकेंगे।
येदियुरप्पा ने पार्टी के भीतर पनप रहे असंतोष को भांपते हुए कहा कि पूरे दौरे को अकेले संभालने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने विरोधियों को शांत करने के लिए कहा, “गणेश चतुर्थी के बाद हम सभी एक साथ राज्य के दौरे पर जाएंगे। इस संबंध में सामूहिक निर्णय लिया जाएगा।” येदियुरप्पा चार दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को अपने गृहनगर शिवमोग्गा पहुंचे थे। लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी लोगों के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। हालांकि आलोचक चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री दौरे के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर पहले चर्चा कर लें। उन्हें डर है कि येदियुरप्पा इस मौके का इस्तेमाल अपने बेटे, भाजपा उपाध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र को आगे लाने के लिए कर सकते हैं। उन्हें यह भी लगता है कि यह दौरा येदियुरप्पा के प्रभाव को बढ़ाएगा और अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को उन पर और अधिक निर्भर बना देगा।
येदियुरप्पा समर्थकों का कहना है कि वह किसी की परवाह नहीं करेंगे और किसी आदेश का इंतजार नहीं करेंगे। यदि पार्टी उनके राज्यव्यापी दौरे की योजना में रोड़ा अटकाकर उन्हें नियंत्रित करना चाहती है, तो पार्टी को नुकसान होगा। विरोधियों को हर चीज के लिए येदियुरप्पा का नाम चाहिए और वे उन्हें कोई श्रेय देना पसंद नहीं करते।
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