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BJP : दक्षिण भारत से नया नेतृत्व लाने पर विमर्श, दिसंबर तक मिल सकता है नया अध्यक्ष

October 23, 2024

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party- BJP) को दिसंबर के पहले पखवाड़े में नया अध्यक्ष (BJP New President) मिल सकता है। पार्टी के संगठन चुनाव समीक्षा में सभी राज्यों से कहा गया है कि वह दिसबंर के पहले सप्ताह तक राज्यस्तरीय चुनाव की प्रक्रिया (Process of state level elections) पूरी कर लें। सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा में विभिन्न पहलुओं के साथ दक्षिण भारत (South India) से नया नेतृत्व लाने पर भी विमर्श हो रहा है। इसके अलावा, सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए सवर्ण समुदाय को पार्टी एक बार फिर से सामने ला सकती है।


महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव (Maharashtra and Jharkhand assembly elections) के बाद भाजपा में संगठन चुनाव के कार्यक्रम में तेजी लाई जाएगी। बूथ, मंडल, जिला एवं प्रदेश के संगठन चुनावों को दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। भाजपा संविधान के मुताबिक, आधे राज्यों के चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। ऐसे में पार्टी के लिए 50 फीसदी राज्यों के चुनाव कराने के बाद नए अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता खुल जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक खरमास रहता है, इसलिए कोई शुभ काम नहीं किया जाएगा। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस दौरान कामकाज संभालने से बचेगा। चूंकि जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसलिए भाजपा के पास नए संगठन के काम संभालने के लिए ज्यादा समय नहीं होगा और चुनाव अभियान भी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजे आते ही पार्टी संगठन चुनावों की प्रकिया तेज करेगी ताकि नया संगठन दिसंबर के पहले पखवाड़े के अंत तक काम संभाल ले। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के केंद्रीय सत्ता में होने से संगठन के विस्तार पर जोर है।

दक्षिण भारत के नेता को मिल सकता है नेतृत्व
संभावना है कि दक्षिण भारत से किसी नेता को नेतृत्व सौंपा जाए। इसके पहले, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी सत्ता के दौरान दक्षिण भारत से बंगारू लक्ष्मण, जना कृष्णमूर्ति और वेंकैया नायडू लगातार तीन अध्यक्ष बने थे।

संघ के सूत्रों का कहना है कि भाजपा के लिए इस समय दक्षिण भारत में विस्तार के लिए वहां के नेता को आगे लाना ज्यादा उचित होगा। इसके अलावा, सामाजिक संतुलन बनाए रखने व अपने काडर तथा कोर समर्थकों को जोड़े रखने के लिए सवर्ण समुदाय से ही नया अध्यक्ष लाना चाहिए।

इन नामों की चर्चा
मनोहरलाल खट्टर, देवेंद्र फडणवीस, धर्मेंद्र प्रधान, जी. किशन रेड्डी, शिवराज सिंह चौहान एवं नरेंद्र सिंह तोमर आदि।

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