इंदौर। निगम में अभी इस बात का हल्ला मचाया जा रहा है कि अधिकारी नहीं सुनते… दरअसल इसके पीछे महापौर परिषद् के सदस्य और पार्षद अपने मनमुताबिक प्रस्ताव मंजूर करवाना चाहते हैं, जिसका उदाहरण अभी देखने को मिला, जब भाजपा पार्षद ने अपनी मनमर्जी से अटल गेट को तैयार करवाकर महापौर से उसका लोकार्पण भी करवा दिया और उसका टेंडर बाद में जारी होने के नाम पर झोनल अधिकारी की बलि चढ़ गई। आयुक्त ने कल झोन 1 के झोनल अधिकारी अवधेश जैन को निलंबित कर दिया, जबकि जो टेंडर जारी हुआ वह भी मात्र 3 लाख 60 हजार का ही था।
पिछले दिनों अटल जी के जन्मदिवस पर वार्ड 9 के अंतर्गत कमला नेहरू कॉलोनी में जो अटल गेट बना है उसका लोकार्पण क्षेत्रीय भाजपा पार्षद राहुल जायसवाल ने धूमधाम से करवाया, जिसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव तो मौजूद रहे ही, वहीं पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता सहित अन्य भाजपा नेता भी शामिल हुए। दरअसल भाजपा पार्षद ने अपनी मनमर्जी से ठेकेदार से अटल गेट पर एसीपी शीट लगवा ली, जबकि उसकी टेंडर प्रक्रिया ही नहीं हुई थी। वैसे तो यह काम यातायात विभाग का था, मगर अधिकारी पर दबाव डालकर उसका प्रस्ताव झोन से बनवाया गया और फिर जिस तरह से निगम में कई कार्य बिना टेंडर के हो जाते हैं, लिहाजा भाजपा पार्षद ने भी ठेकेदार से काम करवाकर उसका लोकार्पण करवा दिया और नतीजे में झोनल अधिकारी अवधेश जैन की बलि चढ़ गई। 25 दिसम्बर को हुए इस लोकार्पण में महापौर के अलावा एमआईसी के सदस्य अश्विन शुक्ल, निरंजनसिंह चौहान और अन्य मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इसकी शिकायत की और झोनल अधिकारी पर गाज गिर गई। उसे अब ट्रेंचिंग ग्राउंड में भेज दिया है। पिछले दिनों महापौर परिषद् सहित पार्षदों ने यह हल्ला मचाया था कि निगम अफसर उनकी नहीं सुनते हैं। दरअसल इसके पीछे इस तरह के ही खेल शामिल हैं। नेताओं के दबाव में आकर अधिकारी काम कर देते हैं और फिर बाद में उन्हें ही भुगतना पड़ता है। नेताओं का तो कुछ बिगड़ता भी नहीं। हालांकि आयुक्त की सख्ती के चलते निगम के नेताओं के कई मंसूबे पूरे भी नहीं हो पाते हैं। उसी की भड़ास आए दिन निकलती है।
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