भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections in Madhya Pradesh) की गहमागहमी शुरू हो गई है. क्योंकि प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटें अगले महीने खाली हो रही हैं, इन्हीं सीटों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दोनों ही दल सामाजिक और सियासी समीकरणों के अनुसार इन सीटों पर अपने अपने उम्मीदवार उतार सकते है. ताकि 2023 के लिए भी समीकरण साधे जा सके. विधायकों के मौजूदा संख्याबल के हिसाब से 2 सीटें बीजेपी और 1 सीट कांग्रेस को मिलने की संभावना है.
2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिहाज से बीजेपी और कांग्रेस के लिए तीनों सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करना अहम माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस प्रदेश के ही नेताओं को मौका देना चाहते हैं, ताकि विभिन्न समाज वर्गों को साधा जा सके. इन चुनावों में भी आदिवासी, दलित, ओबीसी और ब्राह्मण चेहरे का दबदबा देखने मिल सकता है.
बीजेपी के खाते में दो राज्यसभा सीटें (Rajya Sabha seats) आनी है, ऐसे में पार्टी की तरफ से दलित और ओबीसी चेहरे को राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा है, सूत्रों की मानें तो भाजपा से लाल सिंह आर्य, कविता पाटीदार का नाम सामने आ रहा है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा चल रही है. हालांकि अब तक किसी भी नाम पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि यह फैसला हाईकमान की ओर से ही किया जाएगा. भाजपा ने हमेशा आदिवासियों को बढ़ावा दिया है, सुमेर सिंह सोलंकी जो काफी युवा नेता है उन्हें हमने राज्यसभा भेजकर इतिहास रचा है. इसलिए पार्टी आलाकमान का जो निर्णय होता है, वहीं निर्णय माना जाता है.
कांग्रेस में भी राज्यसभा की सीट को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता राज्यसभा जाने के लिए अपनी-अपनी स्तर पर समीकरण बैठाने में जुट चुके हैं. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी एक बार फिर विवेक तन्खा को राज्यसभा भेज सकती है, क्योंकि वह प्रदेश का ब्राह्मण फेस होने के साथ ही कश्मीरी पंडित भी हैं और कानून के बड़े जानकार हैं. फिलहाल तन्खा सदन में एक मात्र कश्मीरी पंडित है. इसके अलावा निमाड़ के बड़े नेता और ओबीसी चेहरा अरुण यादव का नाम भी चर्चाओं में है, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी दावेदारों की सूची में शुमार है.
हालांकि देखना होगा कि पीसीसी चीफ कमलनाथ और कांग्रेस आलाकमान किस नेता के नाम पर मुहर लगाती है, वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आदिवासियों को नेतृत्व देने वाले बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही हमेशा आदिवासियों को बढ़ावा दिया है, कांतिलाल भूरिया जमुना देवी जैसे बड़े आदिवासी नेता कांग्रेस ने दिए. मध्य प्रदेश तीन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है, इन सांसदों में बीजेपी के एमजे अकबर, संपतियां ऊइके और कांग्रेस के विवेक तन्खा शामिल है. फिलहाल मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं, इनमें से 8 पर बीजेपी का कब्जा है, 3 सीटों पर कांग्रेस काबिज है. मप्र विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा संख्या के हिसाब से बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलेगी.
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