चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) की 90 सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद राज्य में नई सरकार (New government) के गठन के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। 8 अक्तूबर को मतगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि किस पार्टी की सरकार बनेगी। अधिकतर एग्जिट पोल (Exit polls) के कांग्रेस (Congress) को स्पष्ट बहुमत (Clear majority) मिलने पर पार्टी उत्साहित है। वहीं, मुख्यमंत्री पद (Chief Minister’s post) को लेकर खींचतान बढ़ गई है। दूसरी ओर, एग्जिट पोल को हवा-हवाई बताकर भाजपा (BJP) खुद को तीसरी बार सत्ता की दौड़ में मजबूती से शामिल होने का दावा कर रही है।
भाजपा का कहना है कि नतीजे चौंकाने वाले होंगे। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भी सभी प्रत्याशियों से फीडबैक ली और बूथ एजेंटों से मतदान को लेकर रिपोर्ट तलब की है। इन दोनों मुख्य दलों के अलावा राज्य के प्रमुख क्षेत्रीय दल इनेलो को भी पिछले चुनाव के मुकाबले सुधार की आस दिख रही है। 2019 के विस चुनाव में इनेलो एक केवल सीट पर सिमट गया था, इस बार उसे तीन से पांच सीट मिलने की उम्मीद है। वहीं, पिछले चुनाव की किंगमेकर बनी जनता जननायक पार्टी (जजपा) के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है। दिल्ली व पंजाब में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी भी दौड़ में कहीं नहीं दिखती है।
कांग्रेस : जीत में जाट-दलित का रहेगा अहम रोल
एग्जिट पोल के रुझानों के मुताबिक कांग्रेस अगर सत्ता वापसी करती है तो इसमें जाट, सिख, मुस्लिम और दलित वोटों का अहम रोल रहेगा। ओबीसी व सामान्य वर्ग का कुछ वोट भी कांग्रेस के हिस्से में आ सकता है। पिछले चुनावों की गलतियों से सीखते हुए कांग्रेस ने शुरुआत से ही पार्टी को 36 बिरादरी (हरियाणा की सभी जातियां) के रूप पेश किया। कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत जाट वोटों का ध्रुवीकरण है।
भाजपा की उम्मीद कायम, निर्दलीयों पर नजर
एग्जिट पोल को दरकिनार करते हुए भाजपा को ओबीसी, सामान्य वर्ग और सरकार का लाभार्थी वोट बैंक से पूरी उम्मीद है। पार्टी का कहना है कि यदि सरकार के खिलाफ लहर होती तो मत प्रतिशत में बढ़ता, जबकि इस बार मतदान प्रतिशत में एक फीसदी की गिरावट है। पार्टी का दावा है कि 30 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। इन सीटों पर जीत हार का अंतर बहुत कम रहेगा और कुछ भी उलटफेर हो सकता है।
जजपा : पिछले चुनाव की किंगमेकर जजपा एग्जिट पोल में साफ है। 2019 के चुनाव में जजपा को करीब 14.9% वोट मिला था।
इनेलो : इनेलो को बसपा के साथ मैदान में उतरने से 2019 के मुकाबले फायदा हो सकता है। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा और सत्ता बनाने में उनकी भूमिका किंगमेकर की होगी।
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