नई दिल्ली। एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत तय हो चुकी है। भाजपा ने और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उन्हें अग्रिम शुभकामनाएं दीं। वहीं भाजपा ने दावा किया है कि 17 विपक्षी सांसदों ने भी क्रॉस वोटिंग की है और द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट दिया है। भाजपा का कहना है कि द्रौपदी मुर्मू को 540 सांसदों के वोट मिले हैं।
भाजपा का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव से ही विपक्षी की फूट सामने आ गई है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति चुनाव में आगे रहने वाली ममता बनर्जी ने यह भी ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। उनका कहना है कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने से पहले उनसे नहीं पूछा गया था। वहीं आम आदमी पार्टी का भी रुख अभी इस बारे में स्पष्ट नहीं है। विपक्ष जहां 2024 में लामबंद होकर भाजपा का मुकाबला करने का प्लान बना रहा था वहीं राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में यह बिखराव किसी झटके से कम नहीं है।
बता दें कि पहले चरण की गिनती में द्रौपदी मुर्मू को 540 तो वहीं यशवंत सिन्हा को 208 वोट मिले थे। मुर्मू को मिलने वाले वोट की वैल्यू 3,78,000 तो वहीं यशवंत सिन्हा के वोटों की वैल्यू 1,45,000 है। इस चरण में 15 वोट अमान्य भी पाए गए थे। बता दें कि दोनों सदनों के मिलाकर सांसदों के 780 वोट थे जिनमें से 13 सांसदों ने वोटिंग में भाग नहीं लिया था।
गुजरात में एनसीपी विधायक कांधल एस जडेजा ने कहा था कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनकर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे। वहीं उनकी पार्टी एनसीपी यशवंत सिन्हा के पक्ष में थी। गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वासपा ने भी क्रॉस वोटिंग की। वहीं अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने खुलेआम द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। उनके बरेली के विधायक शहजील इस्लाम ने भी खुलकर क्रॉस वोटिंग की। हरियाणा में कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया था।
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