15 अक्टूबर को आ सकती है चौथी सूची
इंदौर। इंदौर (Indore) की बची हुई सीटों पर भाजपा (BJP) के उम्मीदवारों के नाम पर आखिरी दौर में मुहर लगने की संभावना नजर आ रही है, लेकिन संकेत दिया जा रहा है कि 15 अक्टूबर को चौथी या फाइनल सूची घोषित कर दी जाएगी, जिसमें बची हुई 151 सीटों के नाम शामिल होंगे।
फिलहाल केन्द्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) की बैठक दिल्ली में होना है और अभी इस संबंध में कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिनों में यह बैठक संभावित है। बैठक में 151 बची हुई सीटों पर नाम घोषित होना हैं। ये ऐसी सीटें हैं, जहां वर्तमान में भाजपा विधायक हैं और कुछ सीटें ऐसी हैं, जो कांग्रेस की परंपरागत सीटें रही हैं। भाजपा विधायकों वाली सीटों पर अंतिम चर्चा के बाद मुहर लग जाएगी तो जहां कड़ा मुकाबला होना है, वहां किसी दमदार नाम को भेजा जाएगा। इंदौर में 2 नंबर विधानसभा छोड़ दी जाए तो किसी भी दूसरी सीट पर सिंगल नाम नहीं है। ऐसे में इन सीटों को आखिरी दौर में चर्चा के लिए रखा जाएगा। कई सीटों पर वर्तमान विधायकों का दावा भी है, इसलिए भी इन सीटों पर विशेष चर्चा की जाएगी।
3 नंबर में कौन होगा भाजपा का चेहरा, संशय बढ़ा
तीन नंबर विधानसभा से भाजपा का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय को एक नंबर विधानसभा से उतारने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिलना मुश्किल हो गया है।
इसको लेकर समर्थक भी मायूस हैं। उनका कहना है कि विकास में पिछड़ी विधानसभा में 5 साल में इतने काम कर दिए हैं कि यहां से आकाश विजयवर्गीय को ही उतारा जाना चाहिए, नहीं तो यह सीट भाजपा को खोना पड़ेगी। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी मैसेज चल रहे हैं और एक बार तो तीन नंबर विधानसभा के पार्षद तथा भाजपा पदाधिकारी भोपाल जाकर संगठन के सामने अपनी बात भी कह चुके हैं। आकाश ने यहां से दूसरी बार अश्विन जोशी को हराया था। इसके बाद विजयवर्गीय ने अपनी विधानसभा में ही ध्यान दिया और यहां सीएम राइज स्कूल के साथ-साथ बोरिंग करवाकर पानी की समस्या को निपटाया। यही नहीं, विधायक निधि से सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी पूरी करवाई। इसी को लेकर उनके समर्थक फिर से उन्हें यहां से टिकट देने की मांग कर रहे हैं। वैसे अगर यहां से आकाश का टिकट बदला जाता है तो भाजपा का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर संशय बढ़ गया है। यहां तेजी से नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का नाम चला है तो मराठी बहुल होने के कारण मिलिंद महाजन का नाम भी ऊपर से लाया जा रहा है। संघ से आए डॉ. निशांत खरे का नाम भी सामने आ रहा है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस ने अगर यहां से दमदार चेहरा उतार दिया तो सीट बचाना मुश्किल हो जाएगा।
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