img-fluid

भाजपा उम्‍मीदवार कुंवर सर्वेश सिंह का निधन, क्‍या मुरादाबाद लोकसभा सीट पर दोबारा होगा चुनाव?

April 21, 2024

नई दिल्‍ली (New Delhi) । भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के मुरादाबाद लोकसभा सीट (Moradabad Lok Sabha seat) से प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह (Kunwar Sarvesh Singh) का शनिवार शाम को निधन हो गया. उन्होंने शाम 6:30 बजे दिल्ली AIIMS में 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. कुंवर सर्वेश को बीजेपी की ओर से जब टिकट मिला था, वह तभी से अस्पताल में भर्ती थे.

कुंवर सर्वेश कैंसर से पीड़ित थे. इस सीट पर 19 अप्रैल यानी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत वोटिंग हुई थी. पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया और कहा, ‘उनका जाना पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है.’

क्या रद्द होगा चुनाव?
सर्वेश सिंह के निधन की जानकारी सामने आते ही, राजनीतिक गलियारों से लेकर आमजन तक एक सवाल चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, कुंवर सर्वेश सिंह बीजेपी प्रत्याशी थे. मुरादाबाद सीट पर चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुरादाबाद सीट पर दोबारा चुनाव कराया जाएगा? क्या प्रत्याशी के निधन के कारण शुक्रवार को हुआ चुनाव रद्द कर दिया जाएगा. क्या इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराने की संभावना बन रही हैं. आखिर चुनाव बाकी रहते एक प्रत्याशी के निधन के बाद क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं.


क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की चल रही है, मुरादाबाद लोकसभा सीट पर शुक्रवार को हुआ चुनाव रद्द माना जाएगा. वहीं, यहां उपचुनाव कराए जाने को लेकर भी संभावनाएं जताई जा रही हैं. हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञ इन चर्चाओं को ‘बहुत जल्दी नतीजे पर पहुंचना’ मान रहे हैं. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि शुक्रवार को हुई वोटिंग को रद्द मानना अभी ‘दूर की कौड़ी’ है.

उनका कहना है कि इसके लिए मतगणना के दिन तक रुकना ही विकल्प है. इसके पीछे उनका तर्क है कि, अभी सिर्फ मुरादाबाद सीट पर वोटिंग ही हुई है, सर्वेश सिंह या किसी भी अन्य प्रत्याशी की हार हुई या जीत यह अभी तय नहीं है. अगर सर्वेश सिंह की हार हो जाती है, तो फिर ये सवाल अपने आप ही समाप्त हो जाएंगे.

मतगणना के बाद खुलेंगे विकल्प, अभी नहीं
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी इस पूरे तर्क को विस्तार से समझाते हैं. वह कहते हैं कि, ‘मुरादाबाद सीट पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. ऐसे में मेरी समझ में अभी तुरंत ही उपचुनाव की संभावना बनती नहीं दिख रही है. ये जरूर है कि मतगणना में अगर सर्वेश सिंह जीत जाते हैं तो उपचुनाव की संभावना बनेगी, अगर काउंटिंग डे पर सर्वेश सिंह की हार होती है और दूसरा कोई प्रत्याशी विजेता बनता है, तो वही सांसद बनेगा, तब भी उपचुनाव की जरूरत नहीं होगी. इस पूरे मामले में सिर्फ एक ही स्थिति में उपचुनाव संभव है कि जब सर्वेश सिंह मतगणना में विजय घोषित हो जाएं, तब उस स्थिति में वह अपने संसदीय क्षेत्र के लिए मौजूद नहीं रहेंगे, लिहाजा चुनाव रद्द किया जाएगा और मुरादाबाद लोकसभा सीट पर फिर से चुनाव होंगे.’

कुंवर सर्वेश सिंह का सियासी सफर
कुंवर सर्वेश सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1951 को हुआ था. सर्वेश सिंह ने 1991 में पहली बार बीजेपी की टिकट पर ठाकुरद्वारा सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह लगातार चार बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. सर्वेश सिंह 1991 के बाद 1993, 1996 और 2002 में लगातार चुनाव जीते थे. हालांकि 2007 में उन्हें बसपा कैंडिडेट से हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी नेता सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत सिंह बिजनौर की बढ़ापुर विधान सभा से बीजेपी विधायक हैं.

बीजेपी ने चौथी बार मुरादाबाद सीट से बनाया था कैंडिडेट
सर्वेश सिंह को भाजपा ने चौथी बार मुरादाबाद लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया था. 2009 में उन्होंने पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे, इसके बाद 2014 में उनके सामने सपा की टिकट पर डॉ. एसटी हसन थे. इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने ताल ठोकी थी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था.

क्या है मुरादाबाद सीट का सियासी समीकरण?
मुरादाबाद लोक सभा के अंतर्गत 6 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है. जिले की 56.77 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 64.83 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 47.86 फीसदी है. मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सत्ता की चाबी मुस्लिम वोटरों के हाथ में मानी जाती है. यहां पर कुल 52.14% हिन्दू और 47.12% मुस्लिम जनसंख्या है. 2014 में पहली बार मुरादाबाद लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई. उत्तर प्रदेश में बीजेपी 71 सीटें जीत कर आई थी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसने क्लीन स्वीप किया था. कुंवर सर्वेश कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के डॉ. एसटी हसन को मात दी थी. सर्वेश कुमार ने करीब 87 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.

Share:

पंचशील सिद्धांत आज भी है लोगों का मार्गदर्शक.., जानें वर्धमान कैसे बने भगवान महावीर?

Sun Apr 21 , 2024
नई दिल्ली (New Delhi)। आज देशभर में जैन धर्म का प्रमुख त्योहार (Major festival of Jainism) महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2024) मनाया जा रहा है. यह पर्व जैन धर्म के अंतिम व 24वें तीर्थंकर स्वामी महावीर (24th Tirthankara Swami Mahavir) को समर्पित है. जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महावीर जी का जन्म चैत्र माह […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved