भोपाल। प्रदेश के कई निगम और नगर निकायों के लिए बड़ी तादाद में पार्षदों के लिए टिकट की मांग को देखते हुए भाजपा कुछ निकायों में फ्री फॉर ऑल का फार्मूला अपना सकती है। क्योंकि चुनाव की घोषणा सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर आये निर्णय के परिपेक्ष्य में जल्दबाजी में हुई। लिहाजा पार्टी को इस बारे में रायशुमारी का पर्याप्त वक्त नहीं मिला,जबकि कई जगहों पर जिला और संभाग स्तर पर चुनावी समितियां भी गठित नहीं की जा सकीं हैं।
प्रदेश कोर कमेटी के एक सदस्य ने चर्चा में कहा कि पार्टी उन स्थानों पर जहां कि पार्षदों के दावेदार अधिक हैं,और चयन को लेकर विभिन्न स्तरों पर बातचीत अधूरी रही है वहां इस फॉर्मूले को अपना सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी के पास एक और विकल्प है कि सभी दावेदार अपने नामजदगी के पर्चे भरें और उसके बाद पार्टी किसी एक का नाम तय कर अन्य को नाम वापस लेने को तैयार करें।
सूत्रों ने कहा टिकट को लेकर सबसे अधिक समस्या भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, मुरैना, जबलपुर, बुरहानपुर और उज्जैन निगमों और निकायों में है। इधर,कल देर शाम तक वीडी शर्मा और हितानन्द शर्मा निगमों के लिए एक नाम तय करने की बैठक करते रहे पर कोई नतीजा सामने नहीं आ पाया। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के आज भोपाल नहीं पहुंच पाने से कोर कमेटी और प्रबंध समिति की बैठक अब 11 जून को बुलाई जा रही है।
निकाय चुनाव के लिये भाजपा लाएगी दो घोषणा पत्र… स्वच्छता पर फोकस
नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा दो तरह के घोषणा पत्र जारी करेगी। एक प्रान्त स्तर पर तो दूसरा हर नगर-निगम क्षेत्र के लिए पृथक से जारी होगा। इसके लिए पिछले दिनों शहर और कस्बों में भाजपा नेताओं के संग प्रबुद्ध वर्ग की हुई बातचीत में सुझाये गए विषयों को शरीक किया जायेगा। पार्टी हर निकाय के लिए इंदौर सरीखे स्वच्छता उपायों को पूरा करने का वायदा करेगी।
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