अयोध्या: राम मंदिर (Ram Mandir) उद्घाटन कार्यक्रम (inauguration program) को लेकर बीजेपी ने कल एक बड़ी बैठक (big meeting) करने जा रही है. इस बैठक में हर प्रदेश से पार्टी के दो पदाधिकारी मौजूद (officials present) रहेंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) भी इस मीटिंग में शिरकत करेंगे, जो मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे शुरू होगी. सूत्रों ने पिछले महीने बताया था कि, भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के लिए अपने कैम्पेन में राम मंदिर उद्घाटन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व (Religious and cultural significance) को जोर-शोर से उठाएगी. इसके लिए पार्टी ने एक विस्तृत योजना तैयार की है.
इसके अंतर्गत भाजपा राम मंदिर आंदोलन और मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका पर प्रकाश डालने वाली एक बुकलेट जारी करेगी. भगवा पार्टी लोकसभा चुनावों से पहले नए मतदाताओं से जुड़ने के लिए बूथ स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित करेगी. अपने चुनाव अभियान के दौरान, भाजपा इस बात पर भी प्रकाश डालेगी कि विपक्षी दलों ने कैसे राम मंदिर के निर्माण में बाधा डालने का प्रयास किया. भाजपा ने राम मंदिर से संबंधित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में भाग लेने और उन्हें समर्थन देने की तैयारी की है.
बता दें कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का पहला तन लगभग तैयार हो चुका है. 22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य यजमान के रूप में आमंत्रित किया है. राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हो रहा है. पूरा मंदिर कॉम्प्लेक्स 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की मूर्ति भी फाइनल हो चुकी है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह में विराजित होने वाली प्रतिमा 5 वर्षीय बाल रामलला का स्वरूप होगी. मूर्ति में रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में वर्णित रामलला की काया की झलक दिखाई देगी. नीलकमल जैसी आंखें, चंद्रमा की तरह चेहरा, घुटनों तक लंबे हाथ, होठों पर निश्चल मुस्कान और दैवीय सहजता के साथ गंभीरता. यानी ऐसी जीवंत मूर्ति, जो देखते ही मन को भा जाए और बार-बार देखने के बाद भी आंखें तृप्त ने हों.
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