भोपाल के बड़े नेता एक पद-एक व्यक्ति कहते रहे और स्थानीय नेताओं ने मनमानी कर ली
इंदौर। भोपाल के बड़े भाजपा नेता और संगठन के पदाधिकारी बार-बार नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) में गाइड लाइन का पालन की बात कहते रहे, लेकिन अपने समर्थकों को उपकृत करने के चक्कर में स्थानीय स्तर पर नेताओं ने ही उनकी गाइड लाइन तोड़ डाली। यही नहीं, सीएम ने खुद कहा कि एक व्यक्ति-एक पद का पालन करना है, लेकिन इंदौर में तो नगर और मंडल के पदाधिकारियों की पत्नियों को टिकट तक दे दिए गए।
जिस तरह से गाइड लाइन को तार-तार किया गया, उससे पार्टी के अनुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है। महामंत्री सविता अखंड को पार्षद का टिकट दे दिया गया तो एक अन्य महामंत्री संदीप दुबे की पत्नी को भी टिकट मिल गया। इसी तरह नगर उपाध्यक्ष प्रणव मंडल, योगेश गेंदर, नगर कार्यसमिति में नितिन मालू की पत्नी, स्वयं नीता शर्मा, प्रीतम लूथरा की पत्नी, मनोज मिश्रा, विशेष आमंत्रित सदस्य में भी अधिकांश को टिकट दे दिए गए तो 6 मंडल अध्यक्षों में से दो को टिकट मिल गए और बाकी की पत्नियों को टिकट देकर पार्टी ने अपनी ही गाइड लाइन का उल्लंघन कर दिया।
अब सिंधी समाज ने घेरा भाजपा कार्यालय, गिदवानी का टिकट काटो
कल सुबह वार्ड नंबर 54 के कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया था और शाम को वार्ड 66 के कार्यकर्ता नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से मिलने पहुंच गए। वे यहां से कंचन गिदवानी के टिकट का विरोध कर रहे हैं।
गिदवानी के नाम को सांसद शंकर लालवानी ने आगे किया है, लेकिन स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने की मांग को लेकर यहां से सिंधी समाज के ही अधिकांश लोगों ने नामांकन फार्म जमा कर दिया है। अंतिम दिन यहां से 16 नामांकन जमा हुए और बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा प्रत्याशी इसी वार्ड से खड़े हुए हैं, जिसकी फाइनल सूची नाम वापसी के अंतिम दिन आएगी। कल विधायक मालिनी गौड़ भी कार्यालय पर थीं तो उनसे सिंधी समाज के प्रकाश परवानी, कमल मटाई, सचिन जेसवानी, अनिल नायडू, संजय पंजाबी, बाबू वाधवानी, दयाल बजाज, विजय मलानी, निलेश दरियानी, प्रशांत बिजलानी आदि मिलने पहुंचे थे। उन्होंने गिदवानी के टिकट का विरोध किया और कहा कि हममें से किसी स्थानीय को ही यहां से उम्मीदवार घोषित किया जाए। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष के पास भी गए, लेकिन नगर अध्यक्ष ने कहा कि अब जो भी होगा भोपाल से होगा।
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