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राहुल को मिल रही सहानुभूति का BJP को मिल सकता है फायदा, समझें क्‍या बन रहे समीकरण

April 04, 2023

नई दिल्‍ली (New Delhi) । आपराधिक मामले में सजा के खिलाफ अपील करने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) खुद गुजरात (Gujarat) के सूरत पहुंचे थे। अब कहा जा रहा है कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जाने की जरूरत नहीं थी, लेकिन उनके फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की झलक दिख रही है। ताजा घटनाक्रम पर सवाल यह भी है कि क्या इसके जरिए राहुल को लेकर कांग्रेस सहानुभूति जगाने में सफल होगी?

सोमवार की बात समझें
सूरत पहुंचे राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद थीं। विमान में उनके साथ वरिष्ठ नेता और तीन मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। हालांकि, कोर्ट से भी उन्हें फिलहाल राहत मिल गई है और अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होनी है। एक सवाल यह है कि क्या राहुल अपनी दादी और मां की तरह कानूनी अड़चन का फायदा उठाकर वापसी करने में सफल होंगे?


हैं कई चुनौतियां, BJP के पास भी प्लान
कहा जा रहा है कि ऐसे कई ताकतवर छोटे दल हैं, जो शायद राहुल को रफ्तार न पकड़ने दें। जानकार बताते हैं कि अगर राहुल को सहानुभूति मिलती है, तो शायद भाजपा ज्यादा परेशान न हो। कहा जा रह है कि भाजपा चाहती है कि 2024 का मुकाबला मोदी बनाम राहुल हो।

संभावनाएं हैं कि ऐसे में अगर कांग्रेस इस मामले के जरिए राहुल को पीड़ित के तौर पर दिखाए, तो भाजपा इसका इस्तेमाल कांग्रेस और गांधी परिवार को हर चीज का हकदार के रूप में दिखाने की कोशिश करेगी। वहीं, सूरत मामले में भी भाजपा ने कांग्रेस पर कोर्ट पर दबाव डालने के आरोप लगाए थे।

इतिहास समझें
साल 1977 में इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार में दोषी पाई गई थीं और उन्हें जमानत लेने से भी इनकार कर दिया था। उस दौरान उन्हें हथकड़ियों में बाहर जाने की अपील की थी, जिसे माना नहीं गया। बाद में सोनिया गांधी ने भी 2006 में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में रायबरेली के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान यह पता होते हुए कि उनपर लगे आरोप जेल भेजने के लायक नहीं हैं, फिर भी उन्होंने दिखाया कि वह जेल जाने से नहीं डरतीं।

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