भोपाल। दमोह विधानसभा (Damoh Assembly) उपचुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते प्रदेश नेतृत्व द्वारा थमाए गए शोकॉज नोटिस (Show notice) का पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) को जवाब दे दिया है। मलैया (Malaiya) के समर्थन मप्र भाजपा (BJP) के बड़े नेताओं के खुलकर उतरने के बाद अब यह तय हो गया है कि अब आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। पहले मलैया (Malaiya) विरोधी खेमे के दबाव में पार्टी हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश नेतृत्व ने मलैया (Malaiya) को पार्टी से बाहर करने की तैयारी कर ली थी। अब प्रदेश नेतृत्व बैकपुट पर आता दिख रहा है। अब जल्द ही मलैया पार्टी हाईकमान (High command) के सामने अपनी बात रखेंगे।
भाजपा (BJP) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर मलैया परिवार (Malaiya Family) और चार मंडल अध्यक्षों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद कई वरिष्ठ नेता मलैया (Senior leader Malaiya) के समर्थन में आकर खड़े हो गए। पार्टी नेताओं खुलकर प्रदेश नेतृत्व के निर्णय पर सवाल उठाए। यहां तक टिकट बांटने से लेकर चुनाव प्रभारियों पर भी कार्रवाई की मांग उठने लगी थी। कुछ भाजपा (BJP) समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी है। साथ ही पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (Ajay Vishnoi), हिम्मत कोठारी (Himmat Kothari) और कुसुम मेहदेले (Kusum Mehdele) ने भी मलैया (Malaiya) के समर्थन में आवाज उठाई। इन लोगों ने कार्रवाई को अनुचित कहा था और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मनोबल गिराने वाला बताया था। इसके बाद प्रदेश नेतृत्व बैकपुट पर आ गया। पार्टी सूत्रों से खबर है कि अब मलैया (Malaiya) पर आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी।
गुटों में बंटे बुंदेलखंड के नेता
जयंत मलैया पर कार्रवाई के बाद बुंदेलखंड में भाजपा गुटों में बंटती दिख रही है। मलैया को नोटिस थमाने के पीछे दमोह सांसद एवं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की भूमिका बताई जा रही है। पटेल ने ही दिल्ली से दबाव डालकर मलैया को शोकॉज् नोटिस दिलवाया। इस कार्रवाई के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री एवं दमोह उपचुनाव के प्रभारी गोपाल भार्गव ने भी अप्रत्यक्ष रूप से मलैया के समर्थन में बयान दिया कि नोटिस से पहले चुनाव प्रभारी होने के नाते उनसे पूछा ही नहीं गया। जबकि चुनाव के दूसरी प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह इस मामले में मौन साधे हुए हैं। भूपेन्द्र सिंह ही राहुल लोधी को सरकार बनने के पांच महीने बाद कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में लाए थे। इसके बाद से भूपेन्द्र सिंह और मलैया में अनबन शुरू हो गई है। मलैया इस बात से नाराज हैं कि यदि राहुल सिंह को भाजपा में नहीं लाया जाता तो सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। सिंधिया समर्थक कद्दावर नेता गोविंद सिंह राजपूत ने भी इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। गोविंद ने प्रदेश भाजपा द्वारा मलैया को थमाए गए नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। खास बात यह है कि राहुल लोधी सिंधिया समर्थक नहीं है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved