नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party(BJP) ने मंगलवार को एक पत्रकार की पुस्तक का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं (Congress leaders) पर सवालिया निशान लगाए। भाजपा ने राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi .) और रायबरेली सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर हमला किया और मांग की कि जब तक वे कथित इतालवी बिचौलिए ओत्तावियो क्वात्रोची के साथ अपने संबंधों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे देते, तब तक के लिए वे संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दें।
भाजपा ने उस पत्रकार की पुस्तक का हवाला दिया है, जिसे कथित बोफोर्स घोटाले को उजागर करने का श्रेय दिया जाता है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि चित्रा सुब्रमण्यम द्वारा अपनी पुस्तक ‘बोफोर्स गेट’ में किए गए ‘बड़े खुलासे’ चिंताजनक हैं। भाटिया ने आरोप लगाया कि क्वात्रोची ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी के साथ अपनी निकटता का इस्तेमाल रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने में किया।
भाजपा के आरोपों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई मांगों पर कांग्रेस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह आरोप लंबे समय से लगाया जाता रहा है कि क्वात्रोची के सोनिया गांधी (इतालवी मूल की) के साथ अच्छे संबंध थे और उसने भारत में अपने व्यापारिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल किया। क्वात्रोची की मृत्यु हो चुकी है।
वर्ष 1987 में स्वीडिश सरकारी रेडियो द्वारा पहली बार रिश्वत से जुड़ी खबर दिए जाने के बाद बोफोर्स तोप सौदे में कथित रिश्वतखोरी की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लंबे समय तक जांच की, जिसमें क्वात्रोची एक आरोपी था। भाटिया ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान रक्षा फाइलें क्वात्रोची के पास ले जाई जाती थीं, ताकि वह अपनी पसंद की कंपनियों के पक्ष में उनमें बदलाव कर सके। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व को जवाब देना चाहिए कि क्या यह राजीव गांधी द्वारा पद की शपथ का उल्लंघन नहीं था।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि क्वात्रोची के बैंक खातों को सीबीआई ने 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान सोनिया गांधी के इशारे पर ‘डीफ्रीज’ कर दिया था। इन घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि क्या यह देश के साथ विश्वासघात नहीं है। भाटिया ने दावा किया कि राफेल रक्षा सौदा को यूपीए सरकार के कार्यकाल में अंतिम रूप नहीं दिया जा सका, क्योंकि गांधी परिवार इसमें कमीशन चाहता था।
उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तब तक के लिए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, जब तक कि वे क्वात्रोची के साथ अपने परिवार के संबंधों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे देते। तब तक उन्हें सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’ उन्होंने पूछा कि खरगे देश के साथ खड़े होंगे या ‘भ्रष्ट’ गांधी परिवार के साथ रहेंगे।
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