नई दिल्ली(New Delhi) । भाजपा (B J P)के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (President JP Nadda)के केंद्र सरकार(Central government) में मंत्री बनने के बाद पार्टी (the party)में जल्दी ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति (Appointment of a new chairman)की जा सकती है। चार महीने बाद होने वाले झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा व जम्मू- कश्मीर के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बेहद अहम हैं और उसकी तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। ऐसे में नड्डा पर दोहरा दायित्व के बजाए पार्टी नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है।
पार्टी में एक विचार कार्यकारी अध्यक्ष का भी है, लेकिन वह ज्यादा उपयोगी नहीं माना जा रहा है। भाजपा का केंद्रीय संसदीय बोर्ड जल्दी ही इस बारे में फैसला ले सकता है। ऐसी स्थितियों में संसदीय बोर्ड के पास नया अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार है।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक में भी इस बारे में चर्चा की गई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पार्टी अध्यक्ष व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह व संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद थे। भाजपा के संगठन चुनावों की प्रक्रिया 15 जुलाई से सदस्यता अभियान के साथ शुरू होने की संभावना है। सदस्यता अभियान से लेकर मंडल, जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव तक लगभग छह माह का समय लगेगा।
चूंकि इस बीच ही चार विधानसभाओं के चुनाव भी है, इसलिए पार्टी मजबूत संगठन के साथ चुनावों की तैयारी में जुटना चाहती है। पार्टी ने चारों चुनावों के लिए चुनाव प्रभारियों की घोषणा पहले ही कर दी है ताकि संबंधित राज्य पूरी तरह से चुनाव मोड में काम करें। सूत्रों के अनुसार, पार्टी में एक विचार नड्डा को संगठन चुनाव पूरे होने तक अध्यक्ष रखने के साथ कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति का भी है, लेकिन संगठन का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि नया अध्यक्ष ज्यादा उपयोगी होगा और संगठन ज्यादा बेहतर ढंग से काम करेगा।
इन नामों की है चर्चा
भाजपा में नए अध्यक्ष के लिए महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल, के लक्ष्मण, ओम माथुर, देवेंद्र फडणवीस आदि नेताओं के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रदेशों के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे नेताओं में से भी किसी को राष्ट्रीय भूमिका में लाया जा सकता है।
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