भोपाल: बुधनी विधानसभा सीट (Budhni Assembly Seat) पर होने वाला उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. बुधनी में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच कई बार कांटे की टक्कर रही है. आजादी के बाद से अभी तक बुधनी विधानसभा सीट पर 16 बार चुनाव हो चुके हैं. 16 बार हुए विधानसभा के चुनाव में पांच बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है, जबकि दो बार स्वतंत्र उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया है. एक बार भारतीय संघ (Indian Union) के बैनर तले विधायक (MLA) को लोगों ने चुना था. जनता पार्टी के टिकट पर भी प्रत्याशी को बुधनी से जीत मिल चुकी है. इसके अलावा बीजेपी ने आजादी से अभी तक कमल के फूल पर सात बार चुनाव जीता है.
सात में से पांच बार केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव जीतकर विधायक बने. इस बार बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को बुधनी उपचुनाव का टिकट दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने साल 1990 में बीजेपी के अच्छे दिन की शुरुआत की थी. बीजेपी के मोहनलाल शिशिर, राजेंद्र सिंह भी बुधनी का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान के नाम सबसे लंबे समय तक विधायक रहने का रिकॉर्ड है. बुधनी विधानसभा सीट पर तीसरी बार उपचुनाव हो रहा हैं. साल 1992 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी सीट छोड़ने का ऐलान किया था. शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुए थे. साल 2006 में मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान के लिए राजेंद्र सिंह ने सीट छोड़ी थी. सीट खाली होने के बाद उपचुनाव कराये गये थे. इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सीट छोड़ने की वजह से बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है.
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