इंदौर। इंदौर लोकसभा से 8 लाख वोटों से जीत का दावा करने वाली भाजपा ने अपने पूर्व पार्षदों और पुराने नेताओं को भी घर से बुलाकर काम थमा दिए हैं। कई नेता तो इसमें घर बैठ गए थे, लेकिन संगठन ने उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में जाकर काम करने को कहा गया है।
कांग्रेस की तरह भाजपा में भी कई नेता ऐसे हैं जो काम आने पर ही सक्रिय होते हैं। ऐसे पूर्व पार्षदों की संख्या भी कम नहीं है। कई पूर्व पार्षद या तो घर बैठ गए हैं या कुछ नगर निगम की ठेकेदारी में लिप्त हो गए हैं। ऐसे लोगों को कल भाजपा कार्यालय बुलाया गया और उन्हें सक्रिय होने के लिए कहा गया। बैठक में लोकसभा संयोजक रवि रावलिया, सहसंयोजक गोपाल गोयल, पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा, अंजू माखीजा, राजेन्द्र शुक्ला, शंकर यादव, जवाहर मंगवानीजैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ कई पूर्व पार्षद मौजूद थे।
बैठक को पूर्व महापौर एवं भाजपाके वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपने चुनाव में बूथ पर जाकर जीतने की रणनीति बनाई थी, उसी तरह से जुट जाएं। वे अपने समय सरकार की योजनाओं कालाभ लेने वाले लोगों से भी संपर्क करें और उन्हें भाजपा के बारे में बताएं। इसके साथ ही प्रत्येक बूथ पर 370 वोटबढ़ाने के लिए वे काम करें। बैठक में नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद रहे। सभी से कहा गया है कि वे 8 लाख के लक्ष्य को गंभीरता से लेकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाएं।
नेता प्रतिपक्ष को लेकर माहौल गरमाया
कल कांग्रेस की नामांकन सभा में विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान को लेकर भाजपा नेताओं की भौहें तन गईं और नगर निगम से लेकर भाजपा संगठन तक ने इसकी निंदा कर इंदौर के स्वच्छताकर्मियों का अपमान बताया। सिंघार ने कहा था कि इंदौर स्वछता का अवार्ड कैसे लाता है ये सबको पता है। इसी को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सार्वजनिक तौर पर इंदौर के स्वच्छताकर्मियों से माफी मांगने के लिए कहा है। भार्गव का कहना है कि इंदौर अपने बल पर यह अवार्ड सातवीं बार लेकर आया है। कांग्रेसी कभी इस बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। भाजपा प्रवक्ताओं ने भी सिंघार से माफी मांगने की मांग की है।
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