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वर्षों BJP के लिए संकटमोचक रही BJD अब विपक्ष के साथ करती दिखी कदमताल

नई दिल्ली (New Delhi)। संसद (Parliament) में इस बार नजारा काफी कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है. जो पार्टी वर्षों तक बीजेपी (BJP) के ल‍िए संकटमोचक (spin doctors) बनी रही. हर कदम बीजेपी और एनडीए का साथ देती रही. यहां तक क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भी कभी निराश नहीं क‍िया. चाहे संसद में बिल पर वोटिंग की बात हो या फ‍िर क‍िसी भी तरह के समर्थन की, हर पल साथ रही. अब वही पार्टी विपक्ष के साथ कदमताल करती नजर आई. इंडिया गठबंधन (India alliance.) के नेताओं के साथ संसद में एनडीए सरकार का विरोध करती दिखी।


जी हां, हम बात कर रहे हैं बीजू जनता दल की. बीजेडी (BJD) ने पहले संसद में कई मौकों पर भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन बुधवार को वह विपक्षी गठबंधन में शामिल हो गई. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्‍यसभा में जवाब दे रहे थे, तब बीजेडी नेता सस्मित पात्रा के नेतृत्व में उनकी पार्टी के सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ सदन से वॉकआउट क‍िया. इतना ही नहीं, सरकार के ख‍िलाफ नारेबाजी भी करते नजर आए. उधर, बीजेपी को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) का समर्थन मिला. वाईएसआर कांग्रेस के सदस्‍यों ने पीएम मोदी के भाषण के दौरान हंगामा करने पर विपक्षी सांसदों की निंदा की. वह सदन में प्रदर्शन से दूर रही और उसने सरकार का साथ दिया. राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के जवाब को धैर्य से सुना जाना चाहिए था क्योंकि वह विभिन्न सांसदों द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर ही जवाब दे रहे थे।

बदलाव इसल‍िए महत्‍वपूर्ण
यह बदलाव इसल‍िए भी बेहद महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंक‍ि राज्‍यसभा में बीजद के 9 सदस्‍य हैं. जबक‍ि आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस के 11 सदस्‍य हैं. बीजेपी का राज्‍यसभा में बहुमत नहीं है और उसे सहयोग‍ियों के भरोसे रहना पड़ता है. पहले हर बार बीजद साथ देती थी और कोई भी बिल पास कराना सरकार के ल‍िए आसान हो जाता था, लेकिन इस बार साथ मिलने की उम्‍मीद नहीं दिखती. यह राज्‍यसभा में शक्‍त‍ि संतुलन को बदल सकता है और सरकार को मुश्क‍िलों का सामना करना पड़ सकता है।

बीजेडी ने क्‍या बताई वजह
वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी दोनों को अपने राज्‍यों में करारी श‍िकस्‍त मिली है. चुनाव से पहले दोनों क‍िसी राष्‍ट्रीय गठबंधन से दूर रहे, लेकिन संसद में नजारा बदलता दिखा. बीजेडी से राज्‍यसभा सदस्‍य सस्मित पात्रा ने राज्‍यसभा में चर्चा के दौरान सरकार पर गंभीर सवाल उठाए. उन्‍होंने कहा, चाहे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की बात हो या फ‍िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की, दोनों में ही ओडिशा के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बात नहीं की गई. उनकी पार्टी की लंबे समय से ये मांग कर रही है, जिसे नहीं सुना गया. कोयला रॉयल्टी और राजमार्ग, रेलवे तथा दूरसंचार के नेटवर्क को बढ़ाने की मांग को भी शामिल नहीं क‍िया गया. पात्रा ने कहा,यह प्रधानमंत्री का एक और वैसा ही उत्तर था, जिसमें उनकी सरकार की वही उपलब्धियां गिनाई जा रही थीं. जब ओडिशा के लोगों की आकांक्षाओं और मांगों पर कोई विचार नहीं हो रहा तो बैठने का कोई मतलब नहीं है।

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