• img-fluid

    birthday special: Asha Parekh ने बतौर child actress की थी करियर की शुरुआत

  • October 02, 2022
    birthday special: साठ और सत्तर के दशक में बड़े पर्दे पर राज करने वाली दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) हिंदी सिनेमा का वह नाम हैं, जिन्होंने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों को जीता और हिंदी सिनेमा (Hindi cinema) को बुलंदियों पर पहुंचाया।

    2 अक्टूबर 1942 को गुजरात में जन्मीआशा पारेख (Asha Parekh) की माँ मुस्लिम और पिता गुजराती थे। आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म ‘आसमान’ से साल 1952 से की थी। बतौर एक्ट्रेस आशा पारेख की पहली फिल्म थी ‘दिल देके देखो’, जो बेहद सफल हुई थी। लगभग 80 फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम कर चुकीं आशा पारेख की तमाम फिल्में बेहद पसंद की गईं। जिनमें ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘भरोसा’, ‘मेरे सनम’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘दो बदन’, ‘उपकार’, ‘शिकार’, ‘साजन’, ‘आन मिलो सजना’ प्रमुख है। आशा ने 1995 में अभिनय से रिटायरमेंट ले लिया।



    आशा पारेख (Asha Parekh) की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने शादी नहीं की है। कहा जाता है आशा पारेख आमिर खान के चाचा नासिर हुसैन को काफी पसंद करती थी, लेकिन नासिर पहले से शादीशुदा थे। ऐसे में आशा ने जीवन भर अविवाहित रहने का फैसला लिया। नासिर हुसैन के साथ आशा ने ‘दिल देके देखो’, ‘तीसरी मंजिल’ और ‘कारवां’ सहित 7 फिल्मों में साथ काम किया। आशा पारेख साल 1998 से 2001 तक सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष रहीं।

    आशा पारेख  (Asha Parekh)को हिंदी सिनेमा में दिए गए उनके अभूतपूर्व योगदानों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साल 1972 में आशा पारेख को उनकी फिल्म कटी पतंग के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला और फिल्मों में योगदान के लिए फिल्मफेयर का ही लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2002 में मिला।आशा को 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। हाल ही में दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2020 के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें और भी कई अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

     

    Share:

    इंसुलिन को सीधे आंतों में पहुंचाएगा रोबोकैप कैप्सूल, काबुल हमले की UNSC ने कड़ी निंदा

    Sun Oct 2 , 2022
    वाशिंगटन। अब एक गोली के जरिये इंसुलिन को सीधे आंत में पहुंचाया जा सकता है। दरअसल, डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन के लिए बार-बार कई इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। इस दिशा में ‘रोबोकैप’ नामक कैप्सूल डायबिटीज के मरीजों को राहत दिला सकता है। इसका असर डायबिटीज की अन्य दवाओं के मुकाबले दस गुना तक अधिक देखा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved