जबलपुर। शहर के विकास कार्यों के लिये अग्रसर होते जा रहा है। शहर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत वेस्ट टू वेल्थ थीम पर आधारित सिटीज 2.0 परियोजना में जबलपुर के प्रस्ताव का चयन किया गया है। भारत सरकार द्वारा फ्रंच डेवल्पमेंट एजेंसी, यूरोपियन एवं भारत सरकार की अधिकृत एजेंसी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयसर््, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, नगर निगम जबलपुर एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी के बीच एमओयू समझौता हुआ है।
राजस्थान के जयपुर सिटी में 3 मार्च को अंतराष्ट्रीय स्तर के आयोजित समारोह के दौरान केन्द्रीय मंत्री आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार मनोहर लाल खट्टर, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र सिवी चक्रवर्ती एम, अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, केएल. मीणा की विशेष उपस्थिति में केन्द्र एवं राज्य शासन के पदाधिकारियों और निगमायुक्त प्रीति यादव एवं सीईओ स्मार्ट सिटी अनुराग सिंह के बीच एमओयू हस्ताक्षर किये गये हैं। इस संबंध में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया कि सिटीज 2.0 के क्रियान्वयन से शहर का कचरा प्रबंधन एक ओर बेहतर होगा, वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक, ई-कचरा, और ऑर्गेनिक वेस्ट के लिए अलग-अलग पुर्नचक्रण सुविधाएं विकसित होंगी। योजना के क्रियान्वयन के बाद जैविक कचरे से वायो सीएनजी गैस एवं खाद भी तैयार होगी। जिससे भविष्य में सीएनजी वाहनों को ग्रीन ईधन प्राप्त होगा। इससे शहर का प्रदूषण को भी कम करने में काफी मदद मिलेगी। इस परियोजना में शहर के एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन कार्य को सुदृढ किया जाएगा। जिसमें कचरा कलेक्शन से उसके डिस्पोजल सायकल में आने वाली कमियों को चिन्हित कर दूर करने की कार्ययोजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है।
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