बर्मिघम । भारतीय वेटलिफ्टर (Indian Weightlifter) बिंद्यारानी देवी (Bindyarani Devi) ने राष्ट्रमंडल खेलों में (In Commonwealth Games) महिलाओं के भारोत्तोलन में (Women’s Weightlifting) 55 किग्रा वर्ग में (In 55 kg Category) रजत पदक जीता (Won Silver Medal) ।
मीराबाई चानू ने खेलों के इस संस्करण में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीतने के कुछ घंटे बाद उसने पदक जीता। मणिपुर की 23 वर्षीय बिंद्यारानी ने क्लीन एंड जर्क में अपने अंतिम मोड़ में शानदार 116 किग्रा प्रयास के साथ कुल 202 किग्रा वजन उठाया और खेलों का रिकॉर्ड बनाया, जो नाइजीरिया की आदिजात ओलारिनोय से सिर्फ एक किलोग्राम कम है।
ताशकंद, उज्बेकिस्तान में विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में भारत का पहला पदक जीतने के बाद बिंद्यारानी प्रमुखता से उभरीं। उन्होंने 55 किग्रा क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। बड़े पैमाने पर उपलब्धि हासिल करने के लिए तत्कालीन 22 वर्षीय ने कुल 198 किग्रा (क्लीन एंड जर्क में 114) भार उठाया।
मणिपुर के लोग उन्हें मीराबाई चानू 2.0 कहते हैं, लेकिन बिंद्यारानी देवी सोरोखैबम खुद को टोक्यो ओलंपिक खेलों की रजत पदक विजेता की प्रतिमूर्ति नहीं मानतीं। इसके बजाय, बिंद्यारानी महान कुंजारानी देवी की प्रतिमूर्ति हैं, जो भारतीय महिलाओं के भारोत्तोलन की अग्रणी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली देश की पहली महिला भारोत्तोलकों में से एक हैं।
शनिवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन में भारत का चौथा पदक जीतने के बाद बिंद्यारानी देवी ने कहा, “हालांकि हम एक ही राज्य और इंफाल के आसपास के शहरों से आते हैं, लेकिन मीराबाई चानू के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है। मैंने भारोत्तोलन में उनका अनुसरण नहीं किया। मैं कुंजारानी देवी से प्रेरित थी।”
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