नई दिल्ली। ब्रिटेन (UK) के अरबपतियों (Rich) ने ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे कई देशों के अमीर (Rich) लोग प्रेरणा ले सकते हैं। देश के 30 अरबपतियों के एक समूह ने वित्त मंत्री (Finance Minister) ऋषि सुनक ( Rishi Sunak ) को पत्र (Latter) लिखकर उन पर और दूसरे अमीर लोगों पर वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) लगाने की अपील की है। दरअसल, वे संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था (Economy) की मदद करना चाहते हैं। उनका मानना है कि अगर अमीर लोग ज्यादा टैक्स देने के लिए आगे आते हैं तो देश के युवाओं और कम पैसे वाले लोगों पर ज्यादा टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा। ऋषि सुनक दिग्गज भारतीय आईटी (ITI)कंपनी इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति (N R Narayan Murthy) के दामाद हैं।
ब्रिटेन के अमीर लोगों पर वेल्थ टैक्स लगाने से कोरोना (Corona) की मार से बेहाल देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने लेटर में कहा है, “हमें पता है कि सरकारी खजाने (Treasury) पर बहुत ज्यादा दबाव है। सरकार को वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटना है। कोविड, असमानता और जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौतियां हैं। हमें पता है कि जरूरी संसाधन जुटाने को लेकर आपसे लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं।” उन्होंने चिट्ठी में लिखा है, “हमें पता है कि आप कहां से पैसे जुटा सकते हैं। आपको हमारे जैसे लोगों की वेल्थ (Wealth) पर टैक्स लगाना होगा। हम ज्यादा टैक्स चुका सकते हैं। हम देश की अर्थव्यवस्था के सुधार में योगदान करना चाहते हैं। हमें असमानता घटाने, सोशल केयर सिस्टम और एनएचएस (NHS) के लिए टैक्स चुकाने पर गर्व है।” कोरोना की महामारी ने दुनिया को आर्थिक रूप से भी बड़ी चोट पहुंचाई है। इससे निपटने के लिए दुनिया भर में सरकारों को बहुत बड़ी रकम स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करनी पड़ी है। इससे सरकारों पर फाइनेंशियल प्रेशर बढ़ा है।
भारत (India) में भी सरकार (Government) का फोकस कोरोना (Corona) से निपटने पर रहा है। इसके लिए सरकार ने बहुत पैसा खर्च किया है। इससे भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन (Vaccine) लगाई जा चुकी है। कोरोना से जंग अभी जारी है। आने वाली किसी चुनौती से निपटने के लिए सरकार मेडिकल फैसिलिटीज (Medical Facilities) को चुस्तदुरुस्त बना रही है। अगर भारत में भी अमीर लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक मदद के लिए आगे आए तो इस महामारी को परास्त करना आसान हो जाएगा। आइए जानते हैं भारत में वेल्थ टैक्स की क्या स्थिति है।भारत में लंबे समय तक वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) लागू रहा। यह 1950 के दशक से लेकर 2015 तक लागू था। 2015 में इसे तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हटाने का एलान किया था। उससे पहले देश में 30 लाख रुपये से ज्यादा की वेल्थ पर 1 फीसदी की दर से वेल्थ टैक्स लगता था। सरकार ने इस टैक्स को हटाने का फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि इससे टैक्स से हासिल रकम बहुत कम थी। वित्त वर्ष 2013-14 में वेल्थ टैक्स से सरकार को सिर्फ 1,008 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
हालांकि, जेटली ने वेल्थ टैक्स की जगह अमीर लोगों पर अतिरिक्त 2 फीसदी सुपर रिच सरचार्ज (Super Rich Surcharge) लगाने का एलान किया था। यह उन लोगों पर लगाया गया था, जिनकी कमाई एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे कुल सरचार्ज बढ़कर 12 फीसदी हो गया। 2019 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सरचार्ज को बढ़ा दिया। अभी 1 से 2 करोड़ रुपये तक की कमाई वाले लोगों पर इसकी दर 15 फीसदी है। 2 से 5 करोड़ की कमाई पर इसकी दर 25 फीसदी और 5 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर 37 फीसदी सरचार्ज लगता है।
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