इस्लामाबाद। लगभग तीन साल के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को अब अक्ल आने लगी है. 2019 में पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत (India) से कई तरह के अलगाव कर लिए थे. हालांकि भारत ने उरी की घटना के बाद से ही पाकिस्तान को अलग थलग करना शुरू कर दिया था. अब इन सब घटनाओं से पाकिस्तान (Pakistan ) को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. यही कारण है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) अब भारत के साथ संबंध बनाने (good relation with India) के लिए खुले तौर पर इजहार कर रहे है।
बिलावल भुट्टो-जरदारी ने गुरुवार को भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंध तोड़ना देश हित में नहीं होगा क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग है।
कश्मीर का राग भी अलापा
इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा, भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं. पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध, संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. आज, हमारे बीच गंभीर विवाद हैं और अगस्त 2019 की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए पांच अगस्त, 2019 को भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा की थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में दरार आ गई।
भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया हुई, जिसके चलते राजनयिक संबंधों को कमतर किया गया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया गया. कश्मीर मुद्दे पर बिलावल ने कहा कि यह मुद्दा विदेश मंत्री बनने के बाद से मेरी किसी भी बातचीत का आधार बिंदु बन गया है.
क्या भारत के साथ संबंध तोड़ना हमारे हित में है?
भारत के साथ संबंध बहाली का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, मई में, हमारे पास परिसीमन आयोग था (जम्मू-कश्मीर में) और फिर हाल में पदाधिकारियों की ‘इस्लामोफोबिया’ वाली टिप्पणी एक ऐसा माहौल बनाती है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव असंभव तो नहीं लेकिन मुश्किल जरूर है. बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़ने से पाकिस्तान के हितों की पूर्ति हो रही है, चाहे वह कश्मीर पर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की विचारधारा पर जोर देना हो।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved