नईदिल्ली । नई दिल्ली (New Delhi) के हैदराबाद हाउस (Hyderabad House) में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (Russian President Bladimir Putin) की भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral talks) हुई । इससे पहले दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 वार्ता हुई, जिसमें रक्षा सहयोग के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
अफगानिस्तान पर दोनों देशों के संबंधों में ठंडक और बॉर्डर पर चीन-भारत के तनाव के बीच पुतिन की इस यात्रा और मोदी के साथ वार्ता का खासा महत्व माना जा रहा है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया, हमारे भारतीय मित्रों ने स्पष्टता से समझाया कि वे एक संप्रभु देश हैं और वे ही तय करेंगे कि किसके हथियार खरीदने हैं। रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत का भागीदार बनने जा रहा है। S-400 डील का केवल प्रतीकात्मक अर्थ नहीं है। भारतीय रक्षा क्षमता के लिए इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यावहारिक अर्थ है। माना जा रहा है कि पुतिन एयर डिफेंस मिसाइल एस 400 का एक मॉडल भारतीय प्रधानमंत्री को सौपेंगे।
दरअसल, भारत और रूस एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर दोनों देशों के बीच रिश्तों में ठंठापन आ गया था। इसके अलावा, अमेरिका के साथ भारत की बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी रूस अनमनी-सी स्थिति में है, साथ ही भारत-चीन सीमा पर तनाव से भी रूस असहज हो रहा है, क्योंकि चीन के संग रूस के कई क्षेत्रों में अच्छे संबंध हैं। संभावना जताई जा रही है कि संबंधों की इस खाई को पाटने के लिए पुतिन की भारत यात्रा काफी कारगर सिद्ध हो सकती है।
बता दें कि भारत और रूस के बीच हुई कलाश्निकोव सीरीज स्मॉल आर्म्स मैन्युफैक्चरिंग डील के तहत भारत में 6 लाख से ज्यादा AK-203 राइफल्स का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा रूस से 70,000 राइफलें खरीदी जाएंगी, जिसके लिए अगस्त में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके साथ ही साल 2021-2031 से दोनों देशों के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग कार्यक्रम पर समझौता हुआ है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved