कानपुर । आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने वाले थानाध्यक्ष, दो दारोगा और एक सिपाही निलंबित हो चुके हैं। जांच में यह भी बात सामने आयी कि तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी अपराधी विकास दुबे के इशारों पर हर काम करता था यानि थाने से उसकी सल्तनत चलाता था। हिरासत में लिए गये निलंबित थानाध्यक्ष को बुधवार को एसटीएफ उसी चौबेपुर थाना ले गयी जहां पर कभी उसकी तूती बोलती थी। एसटीएफ थाना में उसे बैठाकर एक-एक सबूत जुटाने में जुटी हुई है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की कॉल डिटेल बराबर निकाली जा रही है और उसके किन-किन लोगों से संपर्क थे। अब तक स्थानीय थानाध्यक्ष विनय तिवारी, थाना के उप निरीक्षक कुंवर पाल, कृष्ण कुमार शर्मा और आरक्षी राजीव का भी नाम सामने आया है। थानाध्यक्ष विनय तिवारी के निलंबन के बाद सोमवार को अन्य तीनों को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही एसटीएफ ने निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बुधवार को हिरासत में लिए गये विनय तिवारी को उसी थाना ले जाया गया जहां पर कभी वह अपराधी विकास दुबे की सल्तनत चलाता था।
थाना में एसटीएफ उससे बराबर हर बिन्दुओं पर पूछताछ कर रही है। उसके बताये के अनुसार दस्तावेजों और कम्प्यूटर से उन चीजों को निकाला जा रहा है जो सबूत में काम आ सकें। अपने ही थाने में जब विनय तिवारी को एसटीएफ ले गयी तो उसकी हवाइयां उड़ी रही और थाना में उसको कोई सैल्यूट करने वाला भी नहीं था, क्योंकि पूरा स्टॉफ बदल गया है और बदला हुआ स्टॉफ उससे अपराधी जैसे बर्ताव करता दिखा।
कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक निलंबित थानाध्यक्ष के खिलाफ कई अहम सबूत मिल चुके हैं और अपराधी विकास दुबे से उसके रिश्ते पूरी तरह से सामने आ चुके हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पूछताछ के बाद किसी भी समय एसटीएफ मुकदमा दर्ज कराते हुए निलंबित थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई करेगी।
दो दारोगा और एक सिपाही पर गिरेगी गाज
सूत्र बताते हैं कि वैसे तो चौबेपुर थाना का पूरा फोर्स अपराधी विकास दुबे के संपर्क में था। इसी के चलते एसएसपी ने सभी स्टॉफ को लाइन हाजिर कर दूसरे स्टॉफ को लगाया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी, दारोगा कुंवर पाल, दारोगा कृष्ण कुमार शर्मा और आरक्षी राजीव की भूमिका बिकरु कांड में पूरी तरह से संदिग्ध थी। इसी के चलते इन सभी को निलंबित किया गया है, फिलहाल निलंबित थानाध्यक्ष से पूछताछ जारी है और इसके बाद दो दारोगा और एक सिपाही को हिरासत में लिया जाएगा। इन सभी की बर्खास्तगी के बाद इन पर हत्या का भी मुकदमा दर्ज होगा।
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