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    बीजापुर नक्‍सली हमला: माओवादियों के खिलाफ कहां हुई चूक? एनकांउटर की इनसाइड स्‍टोरी

  • April 05, 2021

    रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में शनिवार को सुरक्षाबलों (Security forces) और माओवादियों (Maoists) के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग (High Level Meeting) बुलाई, जिसमें नक्सलियों पर बड़े एक्शन का खाका खींचा गया. हालांकि बीते कई सालों से दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी क्षेत्र के तहत नक्सलियों(Maoists) का PLGA बटालियन नंबर-1 जो कि ताकतवर गुरिल्ला फोर्स है, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहा था.



    बस्तर के इलाके में प्रभावी तरीके से ऑपरेशन किया जाए इसी कारण से माओवादियों के कोर क्षेत्र में अपनी जान की परवाह न करते हुए डीआरजी, एसटीएफ कोबरा एवं सीआरपीएफ के जवानों द्वारा लगातार ऑपरेशन इनकी मांद में घुसकर चलाए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में 3 अप्रैल को जिला बीजापुर और सुकमा के बॉर्डर पर तरतेम के पहाड़ी इलाकों में PLGA-1 माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी जिसके आधार पर DRG, एसटीएफ, कोबरा एवं सीआरपीएफ की संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान टीम(Anti-Naxal Campaign Team) को ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था.
    नक्सलियों के उनके कोर एरिया में घेरने और खदेड़ने के लिए थाना तारतेम से भेजे गए संयुक्त बल के अतिरिक्त उसूल पामीर मिनर्वा और नरसापुर बेस कैंपों से भी कोर एरिया के अलग-अलग टारगेट बाबत सुरक्षाबलों को रवाना किया गया था. 3 अप्रैल के दोपहर 12:00 बजे से जोनागुंडम और टिकलागुंडम के बीच जंगल में सीआरपीएफ के संयुक्त बल और PLGA बटालियन नंबर-1 के बीच मुठभेड़ हुई.

    22 जवानों की मौत, 31 घायल
    इस मुठभेड़ में 22 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की गई है साथ ही एक जवान अभी भी लापता है जिसके लिए सर्च ऑपरेशन सुरक्षाबलों की तरफ से चलाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक नक्सलियों और सुरक्षाबलों की इस मुठभेड़ के दौरान DRG के 8, एसटीएफ के 6, कोबरा के 7 और बस्तरिया बटालियन के 1 जवान शहीद हो गए हैं घटना में 31 जवान घायल हैं, जिसमें से 13 जवान गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.

    मारे गए नक्‍सलियों को ट्रैक्टर्स में भरकर माओवादी घने जंगल ले गए
    मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बल द्वारा PLGA बटालियन नंबर-1 के विरुद्ध एक बड़ा ऑपरेशन किया गया था, जिसमें उनको काफी क्षति पहुंचाई गई है. मुठभेड़ के पश्चात एक महिला माओवादी कमांडर का शव इंसास राइफल के साथ बरामद किया गया है जिसकी शिनाख्त पामेड एलजीएस कमांडर मांडवी वनोजा के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में कम से कम 15 नक्सलियों को मार गिराया गया है. साथ ही 20 से अधिक कैडर गंभीर रूप से घायल हुए हैं. जानकारी यह भी मिल रही है कि मारे गए नक्सलियों को ट्रैक्टर्स में भरकर घने जंगल की ओर ले गए हैं.

    नक्सली ऑपरेशन में NTRO की मदद
    गृहमंत्री अमित शाह ने इस पूरे मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया विभाग के प्रमुख, सीआरपीएफ के उच्च अधिकारी और गृह मंत्रालय के दूसरे और उच्च अधिकारी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि नक्सलियों के खिलाफ “ऑपरेशन प्रहार” में किसी भी तरीके की कमी नहीं आएगी और नक्सलियों की मांद में घुसकर उनके खिलाफ ऑपरेशन किए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल इंटेलिजेंस के लिए काफी जोर देने की बात कही गई है. इस मीटिंग में इस बात की भी चर्चा की गई है कि जरूरत पड़ने पर NTRO की बड़ी मदद ली जाएगी. साथ ही यह भी समीक्षा की जा रही है कि जब सुरक्षाबलों की तरफ से ऑपरेशन लॉन्च किया गया था तो किस तरीके से चूक हुई.

    खुफिया इनपुट्स थे, फिर भी चूक हुई?
    ऐसे खुफिया इनपुट थे कि 25 लाख का इनामी नक्सली कमांडर हिडमा और उसके खूंखार साथी छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पिछले कई दिनों से कैंप कर रहे हैं. सुरक्षाबलों ने इस बात को लेकर अलर्ट जारी किया था कि ये नक्सली अपने गुरिल्ला साथियों के साथ सुरक्षाबलों और पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक यह खुफिया सूचना थी कि नक्सली कमांडर हिडमा के नेतृत्व में सुकमा और बीजापुर के जंगलों में 150 से 160 की संख्या में नक्सली कैंप कर रहा है, जो कि सुरक्षाबलों को निशाना बना सकता है. यही नहीं हिडमा के एक दूसरे नक्सली कमांडर के साथ 50 से 60 की संख्या में नक्सली मिलिशिया के जरिए सुरक्षाबलों पर हमला करने की फिराक में है. ऐसी भी सूचना हिडमा के साथ ही PLGA -1 के बारे में जानकारी मिली थी कि वह इस समय बस्तर के इलाके में बीजापुर और सुकमा के आसपास सुरक्षाबलों के डर से भागता फिर रहा है.

    TCOC के महीनों में नक्सली करते हैं हमला
    सुरक्षा एजेंसियों ने जानकारी दी है कि नक्सली TCOC यानी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (TCOC) इन महीनों ( मार्च से जून) में चला रहे हैं, जिसमें उनका मकसद होता है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाबलों पर हमला कर इस दौरान नुकसान पहुंचाएं. सूत्रों ने ये बताया है कि नक्सलियों ने केवल छत्तीसगढ़ के साउथ बस्तर में ही TCOC चलाने का प्लान नहीं बनाया है बल्कि उन्होंने काफी सालों बाद नए ट्राई जंक्शन के पास सुरक्षा बलों पर हमला करने का TCOC प्लान तैयार किया है. सुरक्षाबलों की रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सली PLGA BN-1 का कमांडर मांडवी इंदुमल उर्फ “हिडमा” सुरक्षा बलों के छीने हथियार और UBGL/रॉकेट लॉन्चर से हमले की फिराक में है. यही नहीं सुरक्षाबलों के लिए रसद सामग्री के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हेलिकॉप्टर को देसी रॉकेट लॉन्चर से गिराने की नक्सलियों ने रणनीति बनाई है.

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