पटना । बिहार (Bihar) की सियासत में बीते कुछ दिनों से अटकलों का दौर जारी है। एक तरफ राजद विधायक भाई वीरेंद्र (RJD MLA Bhai Virendra) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को गठबंधन (Alliance) का ऑफर दिया, तो वहीं बीजेपी नेताओं (BJP Leaders) के बिहार चुनाव के नेतृत्व को लेकर भी कई विरोधाभासी बयान सामने आए है। हालांकि बाद में भाजपा नेताओं ने सफाई भी दी। इन सबके बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बड़ा बयान सामने आना है।
एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि अगर आज की तारीख नीतीश कुमार आपके साथ आते हैं, तो क्या आप उनको माफ कर देंगे, और सरकार चलाएंगे। जिसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब सवाल ही पैदा नहीं होता है, वो थक चुके हैं। अब उनकी ऐसी स्थिति नहीं रह गई है, कि वो बिहार चला सकें। अब नीतीश कुमार के साथ आने का मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है।
इससे पहले आरजेडी के ऑफर पर नीतीश कुमार ने भी साफ कर दिया था, कि अब वो गलती नहीं करेंगे। एनडीए के साथ रहकर बिहार और देश का विकास करेंगे। ये बयान मुख्यमंत्री ने सीतामढ़ी में प्रगति यात्रा के दौरान दिया था। इससे पहले राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने ये कहकर सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी थी, कि नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों को छोड़कर आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे।
वहीं शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होने कहा कि वो होश में नहीं हैं, बिहार चलाने में असमर्थ हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा नीतीश कुमार खुद निर्णय नहीं ले रहे हैं। उनकी पार्टी के 4 नेताओं ने उन्हें हाईजैक कर लिया है। जिसमें 2 दिल्ली में और बाकी यहां के हैं, जो फैसले ले रहे हैं। नीतीश कुमार सिर्फ एक चेहरा बनकर रह गए हैं।
तेजस्वी के इन आरोपों पर जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा नेता प्रतिपक्ष का नीतीश कुमार पर हाईजैक होने का आरोप लगाना हास्यास्पद है। जिस तरह से राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनके लोगों को जबरन बाहर का रास्ता दिखाने और वृद्धावस्था में लालू यादव को जैसा मानसिक कष्ट देने के कारण वे खुद ही सवालों के घेरे में हैं। इसलिए वे इससे ध्यान हटाने और इसको लेकर खुद से सवाल पूछे जाने के डर से ऐसी बात कर रहे हैं। दरअसल, वे ऐसे आरोप लगाकर मामले को अलग मोड़ देने की असफल कोशिश कर रहे हैं।
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