पटना। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार आज गृह मंत्री अमित शाह और तमाम एनडीए नेताओं की मौजूदगी में सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि, उनके शपथ ग्रहण करने से पहले सूबे में राजनीति शुरू हो गई है। आरजेडी ने ट्वीट कर कहा कि वो इस शपथ ग्रहण समारोह का बायकॉट करती है, क्योंकि एनडीए ने जनादेश को शासनादेश से बदल दिया है।
आरजेडी ने ट्वीट कर लिखा, ” राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को ‘शासनादेश’ से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उन पर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े हैं।”
राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों,किसानो,संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है।NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े है
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 16, 2020
बता दें कि इससे पहले आरजेडी ने ट्वीट कर सीएम नीतीश के ‘मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता हूँ’ वाले बयान ओर तंज कसते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला था। आरजेडी ने ट्वीट कर लिखा था, ” ” तीसरे दर्जे की पार्टी होने और थकने के कारण मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था लेकिन BJP के कई वरिष्ठ नेताओं ने मेरे पैर पकड़ लिए,रोने लगे,गिड़गिड़ाने लगे। मैं ठहरा कोमल हृदय का कुर्सीवादी अंतर्यामी भिक्षुक, उन लोगों के आग्रह ने मेरे हृदय को पिघला दिया। मैं उन्हें नाराज कैसे करता?”
बता दें कि एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था, ” मैं नहीं बनना चाहता था मुख्यमंत्री। लेकिन भाजपा के नेताओं के आग्रह और निर्देश के बाद मैंने मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया। मैं तो चाहता था की मुख्यमंत्री भाजपा का ही कोई बने।”
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