पटना । वैश्विक महामारी (कोविड-19) कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए पहले चरण के टीकाकरण को लेकर कोल्ड चेन तैयार हो गयी है। पहले चरण में करीब पांच लाख हेल्थ वर्कर को कोरोना का टीका दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग पहले चरण में केंद्र से मिलने वाली कोरोना वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज में रखने और उसे जिलों तक पहुंचाने को लेकर पूरी तरह तैयार है। बिहार में फिलहाल 674 कोल्ड चेन प्वॉइंट हैं जहां 1.37 डोज रखने की जगह है और राज्य सरकार को जल्द एक करोड़ डोज के स्टोरेज का इंतजाम करना है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पहले चरण के कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर विभाग में उपलब्ध संसाधन पर्याप्त हैं। उम्मीद है कि अगले एक से डेढ़ महीने के अंदर सूबे में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के पहले चरण के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त क्षमता है। इसमें और बढ़ोत्तरी को लेकर तैयारी की जा रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सके।
कोरोना वैक्सीन को दो से आठ डिग्री सेल्सियस में ही रखना होगा, जिसके चलते राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से पटना जिले को 50 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर (आइएलआर) उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनमें से 25 को फुलवारीशरीफ अस्पताल में रखवा कर वहां मुख्य रूप से भंडारण किया जाएगा। सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक आइएलआर दिये जाएंगे। साथ ही राजधानी में वेटनरी कॉलेज के 29 आइएलआर में भी कोरोना वैक्सीन रखने के प्रबंध कर लिए गए हैं। वेटनरी कॉलेज में दो और वॉक इन कूलर रूम बनाने की तैयारी चल रही है, जहां कोरोना वैक्सीन को रखा जाएगा। हर आइएलआर की क्षमता 10 हजार वैक्सीन डोज रखने की है। इसके अलावा राज्य स्वास्थ्य समिति के तहत पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) परिसर में तीन मंजिले भवन में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था है, जहां पहले से ही विभिन्न टीकाकरण अभियानों के तहत अलग-अलग रोगों के वैक्सीन रखे जाते रहे हैं। इस कोल्ड स्टोरेज की क्षमता छह लाख वैक्सीन को एक बार में रखने की है। मुख्य कोल्ड स्टोरेज स्थल से जिलों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी।
पहले चरण में हेल्थ और दूसरे में फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना का टीका
पहले चरण में करीब पांच लाख हेल्थ वर्कर को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसमें राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, कंपाउडर सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर एवं कर्मी इनमें शामिल हैं। इसके लिए मुख्य कोल्ड स्टोरेज स्थल से जिलों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य विभाग के दस आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर (आइएलआर) उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आसपास के जिलों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी।
दूसरे चरण में कोरोना महामारी के दौरान कार्य कर रहे फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इनमें आशा कार्यकर्ता, पुलिसकर्मी व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मी शामिल हैं। इसके बाद सामान्यजनों को कोरोना वैक्सीन की खुराक देने को लेकर निर्धारित की जाने वाली कार्ययोजना के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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