पटना । बिहार (Bihar) में विरोध की राजनीति में भाषाई मर्यादा टूट रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर एक दूसरे का विरोध करते हैं। इस दौरान ऐसे शब्दों के उपयोग किए जा रहे हैं जिनका जिक्र करना भी मुनासिब नहीं है। ताजा मामला नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से जुड़ा है। बिहार के सीएम को थका हुआ और राज्य में डीके टैक्स की वसूली का दावा करने के बाद तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए अपशब्द का उपयोग किया है। विशेष राज्य की मांग पर तेजस्वी के बिगड़े बोल से राज्य की सियासत गरमा गयी है। सोशल मीडिया पर तेजस्वी के पोस्ट पर भाजपा ने जहां इसका तगड़ा विरोध किया है वहीं आरजेडी अपने नेता के बचाव में उतर गई है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है जिसमें बिहार के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की फिक्र करने पर कटाक्ष किया। अपनी बात कहते हुए तेजस्वी यादव ने भाषा की मर्यादा तोड़ दी है। बीजेपी नेताओं के लिए गलत शब्द का प्रयोग करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर उन्हें बिहारियों की इतनी चिंता हो रही है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दे देते?
सोशल मीडिया पोस्ट में तेजस्वी यादव ने अपना एक बयान भी शामिल किया है। कहा है कि जो बिहार की बात कर रहे हैं तो राज्य को विशेष राज्य का दर्जा कब देंगे। अगर इन्हें बिहार की बहुत चिंता है तो बाढ़ में कितना फंड दिया पहले यह तो बताएं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता बिहार के लिए कुछ करने के बजाए सिर्फ चिंता जाहिर करते हैं। तेजस्वी यादव ने अरविंद केजरीवाल का भी वचाब किया। कहा कि बिहारियों को गाली देने जैसी कोई बात नहीं है। यह एडिशनल वोट जोड़ने और घटाने वाली बात है। बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है।
तेजस्वी यादव के बयान पर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि यह उनकी पार्टी का संस्कार है। वे अपने पिता की राह पर चल रहे हैं इसीलिए बोल रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता सब सच्चाई जानती है। दूसरी ओर राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने नेता का बचाव किया है। कहा है कि भाजपा का दोहरा चरित्र उगाजर हो गया है। एक ओर बिहार की चिंता कर कर रहे हैं और दूसरी ओर विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रहे हैं। इसीलिए हमारे नेता ने इसी वजह से ऐसी बात कही है।
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