नई दिल्ली । लोकजनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) की सांसद शांभवी चौधरी (Member of Parliament Shambhavi Chaudhary)ने शुक्रवार को कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष(The entire opposition including the Congress) पर जोरदार पलटवार किया। संविधान पर जारी बहस के बीच उन्होंने तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों के द्वारा आरक्षण को लेकर बायनों के सहारे कांग्रेस को जमकर घेरा। उनके भाषण की सत्ता पक्ष के द्वारा खूब सराहना की जा रही है। शांभवी ने सदन को संबोधित करते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के द्वारा आरक्षण को लेकर अलग-अलग समय में दिए गए बयानों का संसद में जिक्र किया।
युवा सांसद शांभवी चौधरी ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों- पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने कभी न कभी आरक्षण का विरोध किया था। कांग्रेस पार्टी को लगता था कि इस व्यवस्था से दोयम दर्जे के नागरिक आते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संविधान के सिद्धांतों को अटल रखा है और संविधान को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने किया।
शांभवी ने कहा, ‘सबसे पहले जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में लिखा था कि मैं किसी भी तरीके से आरक्षण को पसंद नहीं करता हूं। खासकर नौकरी में। मैं ऐसे किसी भी तरीके का विरोध करता हूं जिसके जरिए अक्षम लोगों को बढ़ावा दिया जाता है। वहीं, इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर कहा था कि एक ऐसा तरीका अपनाइए जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे।’
शांभवी चौधरी ने राजीव गांधी के द्वारा मार्च 1985 में दिए एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा, ‘राजीव गांधी ने कहा था कि आरक्षण के नाम पर इडियट्स को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसे लोग देश का नुकसान करते हैं।’
क्या कहा था राजीव गांधी ने?
राजीव गांधी ने 2 मार्च को एक अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘संविधान बनाते समय पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था की गई थी उसको लेकर बीते वर्षों में काफी राजनीति हुई है। इसलिए अब समय आ गया है कि इन सारे प्रवधानों पर नए सिरे से विचार किया जाए। वास्तव में दबे और पिछड़े वर्गों को यह सुविधा दी जाए, लेकिन इसका विस्तार कर विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धुओं बढ़ाने से पूरे देश को नुकसान होगा।’
आपको बता दें कि शांभवी चौधरी ने लोकसभा में ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर नाम लिए बिना परोक्ष निशाना साधा और कहा, ‘‘संविधान नेता के हाथ में नहीं, दिल में होना चाहिए।’’ उन्होंने कांग्रेस पर आपातकाल के जरिए संविधान को चोट पहुंचाने और संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का भी आरोप लगाया।
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