बेगूसराय । मौनी अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को उत्तरवाहिनी गंगा तट सिमरिया घाट समेत तमाम गंगा घाटों एवं नदियों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सिमरिया गंगा तट पर सुबह से मिथिला एवं मगध क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में जुटने लगे थे तथा लोगों ने मौन रहकर नित्य क्रिया से निवृत्त होने के बाद पतित पावन गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन और विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की। सिमरिया के अलावा चमथा घाट, झमतिया घाट, मधुरापुर घाट, सिहमा घाट, चाक घाट, मीरअलीपुर घाट एवं राज घाट समेत तमाम गंगा घाटों के अलावे बूढ़ी गंडक नदी के विभिन्न घाटों पर भी लोगों ने बड़ी संख्या में स्नान-ध्यान किया। मौनी अमावस्या के अवसर पर दान का विशेष महत्व है, जिसके मद्देनजर लोगों ने दान कर पुण्य प्राप्ति की अभिलाषा की।
सर्वमंगला सिद्धाश्रम के संस्थापक स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि माघ महीने का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस माह में कई पर्व एवं त्योहार होते हैं, नरक निवारण चतुर्दशी के बाद माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या का पर्व पड़ता है। इस दिन जप, तप, दान और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। पवित्र नदियों में स्नान के लिए जो लोग नहीं पहुंच सकते हैं वह अपने घर पर भी गंगा का नाम लेकर स्नान करने तो पुण्य की प्राप्ति हो जाती है। इस पवित्र दिन पर मौन व्रत रखकर ईश्वर का ध्यान करके मुनि पद की प्राप्ति की जाती है। इस दिन किया गया दान सीधे पूर्वजों को प्राप्त होता है।
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