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    Bihar : दो लाख रुपये देकर फर्जी आईपीएस बनने वाले मिथिलेश अब बनना चाहता है डॉक्टर

  • September 24, 2024

    पटना. बिहार (Bihar) में दो लाख रुपये (two lakh rupees) देकर फर्जी आईपीएस (fake IPS) अधिकारी बनने वाले मिथिलेश कुमार (Mithilesh Kumar) ने अपना नया ख्वाब बताया है. उसने कहा है कि अब उसे पुलिस वाला नहीं बनना है, अब डॉक्टर (doctor)  बनना है. जब उससे पूछा गया कि डॉक्टर बनकर क्या करेंगे तो मिथिलेश ने कहा कि सबको बचाएंगे.

    एक इंटरव्यू में मिथिलेश कुमार से पूछा गया कि आप 10वीं पास हैं. आईपीएस अधिकारी भी बन चुके हैं. अब आगे क्या बनने की इच्छा है. इस पर मिथिलेश ने कहा, “अब वो पुलिस वाला नहीं बनेंगे. अब डॉक्टर बनेंगे. उ सब नहीं बनना है. हां डॉक्टर बनना है.” इंटरव्यू लेने वाले ने कहा कि आप आईपीएस से अब डॉक्टर पर आ गए हैं. डॉक्टर बनकर क्या करिएगा तो उसने कहा कि सबको बचाएंगे.


    बता दें कि 19 साल का मिथलेश कुमार लखीसराय जिला के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा गांव का रहना वाला है. आईपीएस की ड्रेस में घूमने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. उसने पुलिस को बताया कि खैरा इलाके के मनोज सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उसे पुलिस में नौकरी लगाने का ऑफर दिया था और इसके लिए उससे दो लाख तीस हजार रुपये की मांग की गई थी. इसके लिए मिथलेश ने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज सिंह को दिए ताकि उसकी नौकरी पुलिस में लग जाए.

    चौराहे पर रुका और पुलिस ने पकड़ लिया

    इसके बाद मनोज सिंह ने उसके शरीर का नाप लिया और उसके दूसरे दिन बुलाकर उसे आईपीएस की वर्दी, आईपीएस का बैच और नकली पिस्टल दिया. मिथलेश वर्दी पहनकर खुशी-खुशी अपने घर गया और अपनी मां से आशीर्वाद लेकर फिर मनोज सिंह से मिलने निकल पड़ा. मिथलेश ने कहा कि उसे वर्दी पहनकर मनोज सिंह ने बुलाया था और बाकी के तीस हजार रुपये की मांग कर रहा था. मिथलेश उससे से ही मिलने जा रहा था और कुछ देर के लिए सिकंदरा चौक पर रुका तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

    मिथलेश कुमार और मनोज सिंह को बनाया गया आरोपी

    पुलिस के मुताबिक, मामले में सिकंदरा थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर मोजम्मिल अंसारी के लिखित आवेदन के आधार पर मिथलेश कुमार और मनोज सिंह को आरोपी बनाया गया है. मिथलेश कुमार से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि मनोज सिंह ने उसे खैरा चौक पर वर्दी, लाइटर पिस्तौल और एक बैग देते हुए कहा कि उसकी आईपीएस में नौकरी लग गई है. वर्दी पहन कर हलसी थाना में अपना योगदान दे दे. मिथलेश ने पुलिस को बताया कि वह वर्दी पहनकर और कमर में लाइटर पिस्तौल रख कर अपनी बाइक से हलसी थाना जा रहा था. मगर, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

    डीएसपी ने क्या बताया?

    जमुई के डीएसपी सतीश सुमन ने कहा, सात या सात साल से कम सजा वाले मामले में गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि फर्जी आईपीएस वाले मामले में आरोपी मिथलेश कुमार को इसी के तहत बॉन्ड भरवा कर जेल न भेजते हुए छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कर रही है और जांच के दौरान जिन लोगों को भी इस मामले में संलिप्त पाया जाएगा, उन्हें आरोपी बनाकर कार्रवाई की जाएगी.

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