पटना। बिहार (Bihar) के पटना जिले (Patna district) में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। बाढ़ थाना क्षेत्र (police station area) के अंतर्गत पुराईबागी गांव (Puraibagi village) में बुधवार की दोपहर नवनिर्मित शौचालय की टंकी में शटरिंग खोलने के दौरान एक-एक कर चार मजदूरों (Four labourers) की दम घुटने से मौत हो गई। इस टंकी में दो फीट पानी भी भरा हुआ था। इस दर्दनाक हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। मृतक मजदूरों की पहचान गोपाल राम 28 वर्ष, बिट्टू कुमार 21 वर्ष, झुनझुन राम 25 वर्ष और पवन राम 26 वर्ष के रूप में की गई। सभी पुराईबाग गांव के ही निवासी थे।
दूसरी तरफ आक्रोशित ग्रामीणों के कारण अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को हादसा स्थल से वापस लौटना पड़ा। मौके पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी शुभम कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों के आक्रोश को झेलना पड़ा। जब अधिकारियों की टीम वापस लौट रही थी। इसी दौरान ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। सूत्रों के अनुसार बाढ़ थाने की टाटा सूमो क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं चार महिला पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गईं। बवाल के मद्देनजर बाढ़, एनटीपीसी, पंडारक, अथमलगोला सहित कई थानों के थानाध्यक्षों को मौके पर बुलाया गया। इसके बाद स्थिति नियंत्रित हुई। ग्रामीण समय पर एम्बुलेंस और ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं पहुंचने का आरोप लगा रहे थे।
एक-एक कर चारों की चली गई जान
दरअसल, पुराईबाग गांव में बाल्मीकि राम ने नया मकान बनाया था। इसी मकान में शौचालय की टंकी करीब ढाई माह पूर्व बनाई गई थी। इसमें शटरिंग में लगे लकड़ी के पटरे को खोलने के लिए बुधवार की सुबह को गांव के ही चार मजदूरों को बुलाया गया था। मजदूरों ने जैसे ही काम शुरू किया, सबसे पहले झुनझुन राम टंकी में घुसा और कुछ मिनट के भीतर वह बेहोश होकर गिर पड़ा। इसके बाद एक-एक कर एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में बिट्टू, पवन और गोपाल राम टंकी के भीतर घुसे। लेकिन टंकी के भीतर उमस और ऑक्सीजन की कमी के कारण मजदूर बेहोश होकर गिरते चले गए। घर पर महिलाएं थी। पूरा माजरा समझने के बाद महिलाएं शोर मचाने लगीं, जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। लेकिन डर से टंकी के भीतर नहीं घुसे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। बाद में सभी अचेत मजदूरों को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाल उन्हें अनुमंडल अस्पताल लाया गया,जहां पर चिकित्सक ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ढक्कन खोलने के तुरंत बाद टंकी में घुसे मजदूर
सभी मजदूर गांव के ही पड़ोसी के घर काम करने पहुंचे थे। नवनिर्मित शौचालय की टंकी का ढक्कन काफी छोटा बनाया गया था, जो बंद था। मजदूर अचानक ढक्कन निकालकर टंकी के भीतर प्रवेश कर गए। काफी दिनों तक टंकी बंद रहने और उसमें उमस और ऑक्सीजन की कमी के कारण मजदूर चंद मिनटों में ही अचेत होकर टंकी की जमीन पर गिर पड़े। भीतर घना अंधेरा होने के कारण मजदूर टॉर्च जलाकर घुसे थे। टंकी में 2 फीट पानी भी जमा था। झुनझुन राम को बचाने के चक्कर में तीन अन्य मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी। लोगों का कहना है कि अगर ढक्कन बड़ा होता और मजदूर थोड़ी देर रुक कर अंदर जाते तो शायद भीतर ऑक्सीजन चली जाती और उनकी जान बच जाती।
शवों का हुआ पोस्टमार्टम
मजदूर के शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए अनुमंडल अस्पताल में उपाधीक्षक डॉ. विनय कुमार चौधरी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था। करीब एक घंटे के बाद सभी शवों को परिजनों को सौंप दिया गया, जिसे प्रशासन द्वारा गांव तक वाहन से शव पहुंचाया गया।
गांव पहुंचते ही मचा कोहराम
शव पहुंचते ही गांव में चारों मृतक के परिजनों के बीच कोहराम मच गया। बिट्टू कुमार की शादी नहीं हुई थी। बाकी तीन अन्य मजदूर अपने परिवार के कर्ता-धर्ता थे। अचानक हुए हादसे से उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस घटना को लेकर बितुनी राम के बयान पर थाने में केस दर्ज किया गया है। रक्षाबंधन त्योहार मनाने के बाद मजदूर पहले दिन काम पर आए थे। उनके हाथ में बहनों द्वारा राखियां बांधी गई थी। उन्हें इस बात का तनिक भी अहसास नहीं था कि यह भाइयों से अंतिम मुलाकात होगी।
चल रही है प्रशासनिक जांच
अनुमंडल पदाधिकारी शुभम कुमार ने बताया कि निजी घर के सेप्टी टैंक में काम हो रहा था। सभी मजदूर थे। काम के दौरान बेहोश होने के बाद उनकी मौत हो गई है। समय पर प्रशासन द्वारा उनके लिए जरूरी चिकित्सा व्यवस्था डॉक्टर के नेतृत्व में उपलब्ध कराई गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस संबंध में प्रशासनिक जांच चल रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved