पटना। लालू एवं तेजस्वी यादव (Lalu and Tejashwi Yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) (Rashtriya Janata Dal (RJD) बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) से पहले प्रदेश अध्यक्ष बदल सकती है। मौजूदा राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इसी महीने पद छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। बिहार के नए राजद अध्यक्ष (New RJD President.) की रेस में आलोक मेहता (Alok Mehta) का नाम भी चल रहा है। वे अभी विधायक हैं और बिहार सरकार में मंत्री और लोकसभा सासंद रह चुके हैं। उनकी गिनती लालू परिवार के करीबी नेताओं में होती है। शुक्रवार को वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक में 85 करोड़ के घपले के मामले में आलोक मेहता के 19 ठिकानों पर ईडी ने रेड मारी।
राजद सुप्रीमो लालू यादव (RJD supremo Lalu Yadav) ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में 18 जनवरी को बुलाई है। इसमें राजद के सांगठनिक चुनाव को लेकर फैसले लिए जाएंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में जगदानंद सिंह राजद प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। जगदानंद की जगह आलोक मेहता को बिहार में राजद की कमान सौंपी जा सकती है।
मेहता समस्तीपुर जिले की उजियारपुर सीट से राजद के विधायक हैं। उनके पिता तुलसी सिंह मेहता भी मंत्री रह चुके हैं। उनकी बहन सुहेली मेहता अभी बीजेपी में हैं। आलोक मेहता उजियारपुर से सांसद और बिहार सरकार में शिक्षा और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रह चुके हैं।
आलोक मेहता के ठिकानों पर ईडी की रेड
राजद नेता आलोक मेहता के ठिकानों पर शुक्रवार (10 जनवरी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। उनके पटना स्थित सरकारी एवं निजी आवास से लेकर हाजीपुर और दिल्ली, यूपी एवं पश्चिम बंगाल में स्थित 19 ठिकानों पर एक साथ रेड की गई। वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक में 85 करोड़ रुपये के घपले के आरोप में यह कार्रवाई की गई। इस बैंक की स्थापना आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने की थी। पिता के निधन के बाद इसकी बागडोर आलोक मेहता के हाथों में आ गई थी।
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