पटना । बिहार (Bihar) को विशेष राज्य का दर्जा (Special State Status) देने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. JDU ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है. JDU के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक (Shyam Rajak) ने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई. श्याम रजक ने कहा कि भारत को अगर विश्व गुरु बनाना है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र ने बिहार को विशेष पैकेज दिया है, लेकिन और तेजी से विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा देना जरूरी है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य में निवेशक आएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए क्राइटेरिया में थोड़ा बदलाव करना होगा. JDU नेता ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के क्राइटेरिया में बिहार नहीं आता है. लेकिन बदलाव कर बिहार का विकास हो सकता है.
संविधान में नहीं है कोई प्रावधान
विशेष श्रेणी का दर्जा यानी SCS किसी पिछड़े राज्य को उनकी विकास दर के आधार पर दिया जाता है. यदि कोई राज्य भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा हो उसको कर और शुल्क में विशेष छूट देने के लिए विशिष्ट दर्जा दिया जाता है. हालांकि संविधान में किसी राज्य को उसके समग्र विकास के लिए विशेष दर्जा देने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन 1969 में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिश पर पिछड़े राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का प्रावधान किया गया.
इन राज्यों को मिला 1969 में विशेष दर्जा इस श्रेणी में इस प्रावधान से पहले जम्मू और कश्मीर को विशिष्ट दर्जा मिला. हालांकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अब वो एक केंद्र शासित प्रदेश है. इसके बाद पूर्वोत्तर के असम और नगालैंड ऐसे पहले राज्य थे जिन्हें 1969 में विशेष दर्जा दिया गया था. बाद में हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, उत्तराखंड और तेलंगाना सहित ग्यारह राज्यों को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया गया.
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