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    corona के नए Variants से बिहार भी अछूता नहीं, जानिए कैसे करें बचाव

  • June 27, 2021

    पटना. भारत मे कोरोना (corona) की दूसरी लहर पर ब्रेक लगने के बाद अब तीसरी लहर (Corona Third Stage) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. दूसरे राज्यों में तीसरी लहर के दस्तक देते ही बिहार में भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक को हाई अलर्ट कर दिया है तो वैक्सीनेशन अभियान (Corona Vaccination Drive) में पूरा स्वास्थ्य महकमा जी जान से लगा गया है. आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह की मानें तो जितनी तेजी से महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और देश में डेल्टा वेरिएंट (Covid Delta Variant) के केस बढ़कर 50 तक पहुंच गए हैं ऐसे में हर हाल में 80 फीसदी आबादी को अगले 2 माह में वैक्सीन लेनी होगी तभी नए और घातक वेरिएंट को हराया जा सकेगा.


    अबतक देश में 50 नए केस

    उन्होंने कहा कि इस नए वेरिएंट (Variants) का ट्रांसमिशन दूसरी लहर से काफी ज्यादा घातक है और इसमें जान जाने का ज्यादा डर बना है. नए वेरिएंट को B.1.617.2.1 या फिर AY.1 के रूप में जाना जाता है. इन्होंने साफ कहा कि जिस तरह दूसरे राज्यों में तेजी से नए लोगों को यह अपनी चपेट में ले रहा है, ऐसे में बाहर से आनेवाले यात्रियों से बिहार पर भी खतरा मंडरा रहा है और बड़ी आबादी को इससे संक्रमण फैल सकता है. भारत मे इसके 50 नए केसेज सामने आए हैं जिसमें अकेले महाराष्ट्र में 21, केरल में 3, तमिलनाडु में 9, मध्यप्रदेश में 7, पंजाब और गुजरात मे भी 2-2 मरीज मिले हैं जबकि आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में भी 1-1 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है.

    क्यों है पहले से अधिक घातक

    भारत में सबसे पहले डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड बुलेटि (Public Health England Bulletin)  में छापा गया था और विशेषज्ञों ने बताया था कि यह नया वेरिएंट डेल्टा या B.1.617.2 वैरिएंट के म्यूटेशन के बाद बना है, जिसे डेल्टा प्लस (AY.1) भी कहा जा रहा है. डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटिन में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण यह डेल्टा प्लस वेरिएंट में बदल चुका है. विशेषज्ञों की मानें तो पहले के वेरिएंट के मुकाबले संक्रामक और घातक है, जो लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकता है.

    कैसे जानें लक्षण

    स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) के लक्षण इतने घातक हैं कि फेफड़े की कोशिकाओं में पहले के मुताबिक ज्यादा मजबूती से चिपक सकता है. फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. यह हमारे इम्यूनिटी को कमजोर भी कर सकता है और उसे चकमा भी दे सकता है. डेल्टा प्लस वेरिएंट की चपेट में आने वालों में काफी गंभीर रूप से खांसी, जुकाम और कोल्ड देखने को मिली है. इसमें सिर दर्द, गले में खरास, नाक बहना जैसे आम लक्षण दिखाई देते हैं, बाकि इसके लक्षणों को लेकर लगातार अध्ययन जारी है.

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