मुजफ्फरपुर । कहते हैं प्रेम से मिला उपहार कोई भी हो वह प्रेमियों के लिए अनमोल होता है. ऐसे तो आगरा के विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को हर कोई मोहब्बत की सबसे बड़ी निशानी मानता है, लेकिन इन दिनों बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में एक प्रेम की निशानी खासा सुर्खियां बटोर रहा है. यह ‘ताज’ आगरा जैसा नहीं, बल्कि 6 फुट चौड़ी जमीन पर बना पांच मंजिला मकान (five storey house) है. यह अपनी तरह का अनोखा है. मुजफ्फरपुर के संतोष ने यह अनोखा मकान अपनी पत्नी अर्चना के लिए बनवाया है. शादी के बाद उन्होंने ये अनोखा तोहफा (unique gift) अपनी पत्नी को मुंह दिखाई में दिया.
महज 6 फुट जमीन में बनी इस प्रेम की निशानी का एक-एक कोना अद्भुत आकर्षण से भरा है. देखने में इतना अजीब कि हर कोई इसे अजूबा बता देता है. लोग इस अनोखे घर के आगे सेल्फी लेने के लिए पहुंचते हैं. मुजफ्फरपुर शहर और आसपास के इलाके में यह मकान इतना मशहूर हो चुका है कि स्थानीय लोग इसकी ऊंचाई के कारण इसे ‘एफिल टावर‘ के नाम से पुकारते हैं.
संतोष ने इस अनोखे घर के बारे में बताया कि जब उन्होंने इसके निर्माण की शुरुआत की, तो हर कोई मजाक उड़ा रहा था. लेकिन आज हालात बदल चुके हैं. लोग इस मकान की बनावट, इसके कमरों की वास्तुकला तक की तारीफ करते नजर आते हैं. मुजफ्फरपुर का अजूबा घर (Muzaffarpur ‘Eiffel Tower’) कहा जाने वाला यह मकान अब इस शहर का मशहूर सेल्फी प्वाइंट बन चुका है. लोग इसकी तस्वीरें संजोते हैं, वीडियो बनाते हैं. न्यूज 18 हिंदी के पास भी इसका एक वीडियो है, जिसमें आप इसघर का एक-एक कोना देख सकते हैं.
शादी के बाद ली थी जमीन
संतोष और अर्चना ने शादी के बाद 6 फीट चौड़ी और 45 फीट लंबा यह जमीन खरीदा था. लेकिन जमीन की चौड़ाई महज 6 फीट रहने के कारण कई सालों तक उन्होंने इस पर कोई निर्माण नहीं करवाया. लोगों ने उन्हें जमीन बेचने की भी सलाह दी, लेकिन शादी की यादगार वाली इस जमीन पर दोनों ने मकान बनाना चाहते थे. इसके लिए वह खुद मकान का नक्शा लेकर निगम के इंजीनियर के पास गए और नक्शा पास करवाया. साल 2012 में नक्शा पास होने के बाद 2015 में यह घर बनकर तैयार हुआ. मकान बनने पर लोग इसे मुजफ्फरपुर का एफिल टावर तो कई अजूबा घर कहने लगे.
इस अनोखे मकान की खासियत
5 मंजिल का यह अजूबा घर महज 6 फीट चौड़ी जगह में बनाया गया है. पांच मंजिल की इस इमारत के आगे के आधे हिस्से में सीढ़ियों बनी हैं, जबकि दूसरे हिस्से में घर बना हुआ है. मकान का आधा हिस्सा जो करीब 20 फीट लंबाई और 5 फीट चौड़ाई वाला है, उसमें एक कमरे का फ्लैट बनाया गया है जिसमें शौचालय से लेकर किचन तक मौजूद है. किचन और शौचालय का आकार ढाई गुना बनाम साढ़े तीन फुट है. कमरे की लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 5 फीट है. कुल मिलाकर एक बैचलर के लिए ऊपर के चार फ्लैट तैयार किए गए हैं. जबकि इसके निचले फ्लोर को हॉलनुमा आकार देकर ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं. यहां यह बता दें कि वर्ष 2014 के नये बिल्डिंग बायलॉज से पहले इस भवन का नक्शा पास हुआ था. यही वजह है कि जितनी जमीन थी उस पर मकान बनना संभव हो गया. इमारत में खिड़की बाहर खुलने की भी जगह नहीं छूटी है.
प्रेम की निशानी है यह मकान
संतोष कुमार बताते हैं कि उन्होंने यह जमीन अपनी नई नवेली पत्नी को मुंह दिखाई के रूप में देने के लिए खरीदा था. लेकिन उनके सामने चुनौती यह थी कि महज 6 फुट जमीन पर मकान कैसे बनाया जाए. मगर जब यह मकान तैयार हुआ तो इसे देखने के लिए लोगों का तांता लगने लगा. संतोष कुमार बताते हैं आज जब अपने मकान की चर्चा के बारे में सुनते हैं तो काफी प्रसन्नता होती है. इस संकरी सी जगह पर सभी सुविधा से युक्त मकान को देखकर यही लगता है प्यार में कुछ भी असंभव नहीं है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved