नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार के विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराने का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कोरोना संकट की वजह से दुनिया के 70 देशों में चुनाव टाल दिया गया। कोरोना संकट के बीच बिहार और उपचुनाव को लेकर लगातार मंथन किया गया। बिहार चुनाव देश के सबसे बड़े राज्यों में है और ये चुनाव कोरोना काल का सबसे बड़ा चुनाव है। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले चरण में 71 विधानसभा सीटों के 31 हजार पोलिंग बूथ पर चुनाव होंगे। दूसरे चरण में 94 विधानसभा सीटों के 42 हजार पोलिंग बूथों पर चुनाव कराए जाएंगे। तीसरे और अंतिम चरण में 78 विधानसभा सीटों के 33.5 हजार पोलिंग बूथ पर चुनाव होंगे। 10 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान के अंतिम समय में कोरोना पीड़ित अपना वोट डाल सकेंगे, जिनके लिए अलग व्यवस्था होगी। प्रचार मूल रूप से वर्चुअल ही होगा, लेकिन डीएम छोटी रैली की जगह और वक्त तय करेंगे। हर पोलिंग बूथ पर साबुन, सैनिटाइजर समेत अन्य चीजों की व्यवस्था की जाएगी।
इस बार वोट डालने के लिए एक घंटा अधिक वक्त रखा गया है, सुबह सात से शाम 6 बजे तक मतदान होगा, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसा नहीं होगा। डोर टू डोर कैंपेन में सिर्फ पांच लोग ही जा सकेंगे। इस बार नामांकन और हलफनामा ऑनलाइन भी भरा जाएगा, डिपाजिट को भी ऑनलाइन सबमिट किया जा सकेगा। नामांकन के वक्त उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो लोग मौजूद रहेंगे। प्रचार के दौरान किसी से हाथ मिलाने की इजाजत नहीं होगी।
बिहार में कुल 243 सीटों पर चुनाव होगा, राज्य में 29 नवंबर तक विधानसभा का कार्यकाल है। इस बार पोलिंग स्टेशन की संख्या और मैनपावर को बढ़ाया गया है। बिहार में 2020 के चुनाव में सात करोड़ से अधिक वोटर मतदान करेंगे। इस बार एक बूथ पर सिर्फ एक हजार ही मतदाता होंगे। इस बार चुनाव में 6 लाख पीपीई किट राज्य चुनाव आयोग को दी जाएंगी, 46 लाख मास्क का इस्तेमाल भी होगा। सात लाख हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही 6 लाख फेस शील्ड को उपयोग में लाया जाएगा। 18 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, इनमें से 16 लाख वोट डाल सकते हैं। 80 साल की उम्र तक के लोग पोस्टल बैलेट से वोट डाल पाएंगे।
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