नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव टालने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग सभी परिस्थितियों का ध्यान रखेगा और ऐसा करने के लिए वह बाध्य है।
बिहार निवासी राजेश कुमार जायसवाल ने दायर याचिका में कहा था कि बिहार इस समय कोरोना और बाढ़ से जूझ रहा है ऐसे में विधानसभा चुनाव संभव नही हो सकता। कोरोना और बाढ़ से मुक्त होने तक विधानसभा चुनाव रोक दिए जाएं।याचिकाकर्ता की ओर से वकील शांतनु सागर ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पिछले 11 अगस्त को घोषणा की थी कि बिहार के चुनाव तय समय पर होंगे। बिहार में कोराना और बाढ़ का कहर है। ऐसा कर निर्वाचन आयोग ने बिहार की करीब दस करोड़ की आबादी को नजरअंदाज किया है। बिहार में कोरोना के एक लाख से ज्यादा मामले मिले हैं। निर्वाचन आयोग ने बुजुर्गों के लिए कोई योजना नहीं बनाई है जो कोरोना को लेकर संवेदनशील होते हैं।
याचिका में कहा गया था कि कोरोना और बाढ़ से मुक्त होने तक बिहार में चुनाव कराने पर तब तक रोक लगाने का दिशानिर्देश दिया जाए जब तक बिहार सरकार वहां के नागरिकों को चुनाव के लिए पर्याप्त सुविधाएं न दे। बता दें कि बिहार में विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाला है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है।
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