नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-आरजेडी और वामदल के महागठबंधन को मिली हार के बाद कारणों को लेकर समीक्षा और चिंतन का दौर शुरू हो गया है। हालांकि महागठबंधन में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ने पहले ही पार्टी की कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) से समीक्षा कराने की बात कह दी है। बावजूद इसके गठबंधन में हार की वजहों को लेकर जवाबदेही तय करने की मांग उठने लगी है।
वहीं, बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस की तरफ से समन्वयक बनाये गए रणदीप सिंह सुरजेवाला अब पार्टी के प्रदर्शन को लेकर एक रिपोर्ट बनाने में लगे हैं, जिसे वो अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगे। अहम बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से केंद्रीय नेताओं ने ही पूरी तरह से बिहार चुनाव का जिम्मेदारी उठाई थी। जहां समन्वय और प्रभारी के तौर पर सुरजेवाला बिहार में कई दिनों तक डेरा डाले रहे तो वहीं पत्रकारों से संवाद का जिम्मा राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा के कंधों पर था। ऐसे में अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन्हीं जिम्मेदार लोगों से चुनाव परिणाम को लेकर रिपोर्ट मांगी है, ताकि पता चल सके कि वे कौन से कारण थे जिनकी वजह से पार्टी की हार हुई।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में खास प्रदर्शन नहीं करने वाली कांग्रेस पार्टी में अब हार के कारणों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के भीतर हार के कारणों की समीक्षा करने और जिम्मेदारी तय करने की मांग तेज हो रही है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने तो यहां तक कहा कि निश्चित तौर पर हार की समीक्षा की जानी चाहिए तथा इस मामले में जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। इसके बाद ही कांग्रेस पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर हार के कारणों की कांग्रेस कार्यसमिति से समीक्षा कराने की बात कही थी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने भी बिहार चुनाव के परिणाम महागठबंधन के पक्ष में नहीं आने की वजह खुद का निराशाजनक प्रदर्शन माना है। पार्टी का कहना है कि वह और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी। पार्टी के कमजोर प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति कारणों का विश्लेषण जरूर करेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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