नई दिल्ली । बिहार के उपमुख्यमंत्री (Bihar Deputy Chief Minister) तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने पूछताछ के लिए (For Questioning) अपनी पत्नी की सेहत का हवाला देते हुए (Referring to His Wife’s Health) केंद्रीय जांच ब्यूरो से (From CBI) और समय मांगा (Sought More Time) । सीबीआई ने मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए शनिवार को उन्हें जांच में शामिल होने के लिए समन भेजा था।
इससे पहले, राजद नेता को 4 मार्च को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह चूक गए। अब जांच एजेंसी आने वाले दिनों में उन्हें तीसरा समन भेजेगी। सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद से पूछताछ की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने सेंट्रल रेलवे के तत्कालीन जीएम और सीपीओ के साथ साजिश रचते हुए जमीन के बदले उनके नाम पर या लालू परिवार के करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया। इसने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित मामला दर्ज किया था।
अधिकारी ने कहा, 2004-2009 के दौरान, यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर स्थानापन्न की नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव के परिवार के सदस्यों और यादव और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेच दी या उपहार में दे दी।
जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी नियुक्त व्यक्ति जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।
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