सुपौल। सुपौल (supaul) जिले के भीमनगर में स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (BSAP) के 265 पीटीसी प्रशिक्षु जवान (PTC Trainee Jawan) रविवार को फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) से बीमार पड़ गए थे। हालांकि इनमें से छह जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि 20 जवान वीरपुर के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती हैं। इधर, जवानों के बड़ी तादाद में बीमार होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोमवार को कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी 935 जवानों ने भूख हड़ताल कर दिया है। जवान कैंप के कमांडेंट पर कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वहीं पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
पूरी, जलेबी और काबुली चना का सब्जी खाने पर बिगड़ी तबीयत
रविवार को जवान ने सुबह करीब 8:30 बजे पूरी, जलेबी और काबुली चना की सब्जी खाने में लिया था। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ से दो बजे के बीच अचानक कुछ जवान बीमार पड़ने लगे। लेकिन उन्हें बाहर जाने नहीं दिया गया। जवानों को कैंप से ही कुछ दवा दी गई। जब जब जवान देर शाम करीब साढ़े आठ बजे जवानों की तबियत ज्यादा खराब होने लगी तो आनन फानन में 50 से 60 जवानों को वीरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद थोड़ी-बहुत समस्या महसूस करने वाले जवान भी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचने लगे। देखते ही देखते रात 10:30 बजे तक जवानों की यह तादाद बढ़ कर 265 हो गई।
सोमवार की सुबह से सभी जवानों की हालत स्थिर है
इधर, अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद अधिकांश जवानों को रात करीब एक बजे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। फिलहाल सोमवार की सुबह से सभी जवानों की हालत स्थिर है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से नाराज बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस केंद्र में मौजूद जवानों का आक्रोश फूट पड़ा है। जवानों ने सोमवार की सुबह कमांडेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जवानों ने कहा कि बिहार के विभिन्न जिलों से जवान यहां पीटसी ट्रेनिंग के लिए डेढ़ महीने से रह रहे हैं। लेकिन यहां प्रशिक्षण के शुरुआत से ही हर दिन ख़राब क्वालिटी का खाना परोसा जा रहा है। वही अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जवान निष्पक्ष जांच की कर रहे हैं मांग
जवानों ने बताया कि रविवार की सुबह पूरी, जलेबी और काबुली चना की सब्जी खाई थी। लेकिन दोपहर के खाने खाने से पहले ही सभी की तबीयत खराब होने लगी। हालांकि बार बार अनुरोध के बावजूद जवानों को इलाज के लिए बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था। अंदर में ही लोग इलाज करते रहे। शाम होने के बाद वीरपुर जब तबियत ज्यादा बिगड़ी तो अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।इसके बाद करीब 265 जवान भर्ती हुए और रात करीब डेढ़ बजे सभी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जवानों का आरोप है कि टेनिंग सेंटर में महज 400 अभ्यर्थियों की क्षमता वाले वर्ग कक्ष की व्यवस्था है। लेकिन भेड़ बकरियों के तरह इसी कक्ष में 935 जवानों को बैठा कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जवान ने बताया कि फर्श पर बैठ कर किसी प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त करना उनकी विवशता है। कैंप को इसी कुव्यवस्था के विरोध में जवानों ने सोमवार के सुबह से भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। हालांकि कैंप में जवानों के लिए भोजन बन कर तैयार है। लेकिन प्रशिक्षु जवान पूरे मामले की जांच होने तक भूख हड़ताल की जिद पर अड़े हुए हैं। जवानों की डीआईजी और आईजी से भीमनगर पहुंच कर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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