पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार बिहार वासियों को एक पर एक तोहफा देती जा रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने एक और बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल मोदी कैबिनेट ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही बिहार में पटना के बाद दूसरा एम्स बनने का रास्ता साफ हो गया है। दरभंगा में एम्स के निर्माण से सूबे में उत्तर बिहार के बेतिया से लेकर कोसी और सीमांचल के सहरसा, सुपौल और पूर्णियां तक के लोगों स्वास्थ्य क्षेत्र में इसका फायदा होगा। इसके साथ-साथ पटना पर लोगों की निर्भरता भी घटेगी।
आपको बता दें कि बिहार के दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 1361 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दे दी थी। बीते 25 अगस्त को केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए अनुमानित राशि की स्वीकृति दे दी। प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा और इसके निर्माण कार्य पर 1361 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
जमीन की उपलब्धता पर अटका था मामला
दरभंगा में प्रस्तावित जमीन की उपलब्धता के कारण मामला अटका था। बिहार सरकार की ओर से प्रस्तावित जमीन की गुणवत्ता व रास्ते की सुगमता सहित तीन बिन्दुओं पर मंत्रालय की तकनीकी कमेटी ने इसकी स्वीकृति पर रोक लगा दी थी। इसके बाद आनन-फानन में सभी तकनीकी बाधाएं दूर की गई।
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