बेगूसराय। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शबाब पर है। बेगूसराय में भी राष्ट्रीय और पंजीकृत दल के अलावा बड़ी संख्या में बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने शहर से लेकर गांव तक जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। एनडीए के प्रत्याशी जहां केंद्र और बिहार सरकार द्वारा बिहार और बेगूसराय में किए गए विकास कार्यों की उपलब्धि गिना रहे हैं, सरकार के उद्देश्य, जन कल्याणकारी योजना और भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं, वहीं महागठबंधन के प्रत्याशी सरकार की खामियां और महागठबंधन के उद्देश्य एवं घोषणा पत्र को लेकर जनता से रूबरू हो रहे हैं।
लोजपा के प्रत्याशी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामियों को गिनाते हुए सशक्त सरकार बनाने के लिए रामविलास पासवान द्वारा शुरू किए गए लोक कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। पुष्पम प्रिया चौधरी के द प्लुरल्स के प्रत्याशी धरातलीय हित, बेरोजगारी और किसान की बात कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच सभी सात विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे बागी प्रत्याशी अपने दल द्वारा किए गए उपेक्षा की बातें लोगों को बता रहे हैं। निर्दलीय मैदान में उतरे प्रत्याशी पक्ष और विपक्ष की लड़ाई के साथ-साथ उनके खामियों से रूबरू कराते हुए समर्थन मांग रहे हैं।
बेगूसराय जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें चेरिया बरियारपुर विधानसभा में मान्यता प्राप्त दल के पांच, पंजीकृत दल के सात और पांच निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। बछवाड़ा विधानसभा में मान्यता प्राप्त दल के तीन, पंजीकृत दल के आठ और नौ निर्दलीय प्रत्याशी हैं। बेगूसराय विधानसभा में मान्यता प्राप्त दल के तीन, पंजीकृत दल के नौ एवं सात निर्दलीय प्रत्याशी हैं। मटिहानी विधानसभा में मान्यता प्राप्त दल के तीन, पंजीकृत दल के पांच एवं पांच निर्दलीय प्रत्याशी हैं। तेघड़ा में मान्यता प्राप्त दल के तीन, पंजीकृत दल के आठ एवं तीन निर्दलीय प्रत्याशी हैं। बखरी में मान्यता प्राप्त दल के चार, पंजीकृत दल के सात एवं दो निर्दलीय प्रत्याशी हैं। साहेबपुर कमाल में मान्यता प्राप्त दल के तीन, पंजीकृत दल के पांच और दो निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं।
सभी विधानसभा क्षेत्र में दल बदल कर चुनाव मैदान में उतरे बागी और निर्दलीय प्रत्याशी एनडीए और महागठबंधन दोनों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं। इनमें कई प्रत्याशी इतने सशक्त हैं कि गठबंधन के समीकरणों को पूरी तरह से बदल सकते हैं और यह चुनौती दोनों गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए चिंता का बड़ा शबब बन चुका है। बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे स्व. रामदेव राय के पुत्र शिव प्रकाश गरीबदास नया गुल खिलाने के लिए तैयार हैं। यहां से पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी भी निर्दलीय मैदान में हैं तथा उनके परिवार यहां लंबे समय से समाजहित में लगे रहे हैं, जिसका फायदा उन्हें मिल सकता है।
तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए के जदयू प्रत्याशी के विरोध में कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है और आक्रोशित होकर भाजपा के पूर्व विधायक ललन कुंवर लोजपा के टिकट पर मैदान में कूद चुके हैं। बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र में तो एनडीए प्रत्याशी के विरोध में कई उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया है। मटिहानी में लोजपा के राजकुमार सिंह लगातार चार बार से विधायक रह रहे बोगो सिंह को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यहां महागठबंधन में भी बड़ी दरार हो गई है। वहीं, चेरिया बरियारपुर में निर्दलीय सुमित कुमार एवं लोजपा के राखी देवी ने गठबंधनों को टक्कर देने के लिए जोर आजमाइश करना शुरू कर दिया है।
बखरी में भी एनडीए प्रत्याशी के विरोध में भाजपा के पूर्व विधायक रामानंद राम जाप के टिकट पर मैदान में उतर चुके हैं। महागठबंधन के बागियों ने अंदर ही अंदर दूसरे दल के प्रत्याशियों के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया है। साहेबपुर कमाल में भी कमोबेश यही स्थिति है।
एनडीए और महागठबंधन के बीच पंजीकृत नया दल गुल खिलाने के लिए तैयार हो चुके हैं। कुल मिलाकर बेगूसराय के सातों विधानसभा क्षेत्र की स्थिति दिनोंदिन बदलती जा रही है, पल-पल समीकरण बदल रहे हैं। जोकि दोनों गठबंधन के लिए परेशानी के सबब बन सकते हैं तथा गठबंधन के प्रत्याशी बागी और निर्दलीय द्वारा खेल बिगाड़ने की आशंका से अंदर ही अंदर डरे हुए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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