• img-fluid

    बिहार : आनंद मोहन के बाद अब दो बाहुबली अनंत सिंह और प्रभुनाथ सिंह की रिहाई की उठी मांग

  • May 01, 2023

    पटना (Patna) । बिहार जेल कानून (Bihar Jail Act) में संशोधन के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) समेत 26 कैदियों को पिछले हफ्ते बरी कर दिया गया. नीतीश सरकार (Nitish government) के इस फैसले की काफी आलोचना भी हो रही है. इसी बीच अब बिहार में आनंद मोहन के बाद दो अन्य बाहुबली नेताओं अनंत सिंह और प्रभुनाथ सिंह की रिहाई की मांग उठने लगी है.

    आरजेडी से चार बार के सांसद प्रभुनाथ सिंह की अभी झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद हैं. उन्हें 1995 में जनता दल विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. तब से प्रभुनाथ सिंह जेल में बंद है.


    उधर, अनंत सिंह की रिहाई की भी मांग उठ रही है. अनंत सिंह अभी पटना के बेउर जेल में बंद हैं. 2019 में आनंद सिंह के पैतृक आवास से एक एके-47 राइफल की बरामदगी हुई थी और उस मामले में उन्हें पिछले साल दोषी पाया गया और कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई. अनंत सिंह को जब इस केस में दोषी पाया गया था तो उस वक्त वह आरजेडी विधायक थे लेकिन दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई.

    किसने उठाई रिहाई की मांग?
    स्वर्ण क्रांति दल के प्रमुख कृष्ण कुमार कल्लू ने प्रभुनाथ सिंह और अनंत सिंह की जेल से रिहाई की मुहिम शुरू की है. उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं की रिहाई के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है.

    बीजेपी बोली- बिहार में जंगलराज की वापसी
    आनंद मोहन के बाद जेल में बंद प्रभुनाथ सिंह अनंत सिंह की रिहाई की मांग उठने लगी है. इस पर बीजेपी ने कहा है कि आरजेडी के दबाव में नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को रिहा किया और अब उन्हें आजादी के जवाब में बिहार के सभी दुर्दांत अपराधियों को छोड़ना पड़ेगा, जिसके बाद बिहार में पूर्ण तौर पर जंगलराज की वापसी हो जाएगी.

    आनंद मोहन सिंह की हुई थी रिहाई
    आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को पिछले हफ्ते बिहार सरकार ने रिहा किया था. आनंद मोहन आईएएस अधिकारी कृष्णैया की हत्या में दोषी पाए गए थे. वे बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे. इसी दौरान भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. इस दौरान इन्हें गोली भी मारी गई थी. आरोप था कि डीएम की हत्या करने वाली उस भीड़ को कुख्यात बाहुबली आनंद मोहन ने ही उकसाया था. यही वजह थी कि पुलिस ने इस मामले में आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली समेत 6 लोगों को नामजद किया था.

    कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी. 1994 के कलेक्टर हत्याकांड में आनंद मोहन सिंह को 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई. 2008 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. अब उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को बिहार सरकार कारा अधिनियम में बदलाव करके जेल से रिहा कर दिया.

    बिहार सरकार ने नियमों में किया बदलाव
    बिहार सरकार ने कारा हस्तक 2012 के नियम 481 आई में संशोधन किया है. 14 साल की सजा काट चुके आनंद मोहन की तय नियमों की वजह से रिहाई संभव नहीं थी. इसलिए ड्यूटी करते सरकारी सेवक की हत्या अब अपवाद की श्रेणी से हटा दिया गया है. बीते 10 अप्रैल को ही बदलाव की अधिसूचना सरकार ने जारी कर दी थी.

    Share:

    Delhi : शख्स को कार से कुचलने की कोशिश, आरोपी ने बोनट पर लाद 3 किमो. तक घसीटा

    Mon May 1 , 2023
    नई दिल्‍ली (New Delhi) । दिल्ली में एक शख्स को कार (car) से कुचलने की कोशिश और फिर उसे बोनट पर बैठाकर तीन किलोमीटर तक गाड़ी चलाने का मामला सामने आया है। मामला दिल्ली के आश्रम चौक (Ashram Chowk) का है, जहां रविवार देर रात दो कार वालों के बीच विवाद (Controversy) हुआ। दरअसल कट […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved