नई दिल्ली। बिहार (Bihar ) में विपक्ष की भूमिका में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP)) ने अब बड़ी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah ) के 23-24 सितंबर को होने वाले दौरे के बाद भाजपा यहां मिशन मोड (mission mode) में आ जाएगी। राज्य के नए प्रभारी विनोद तावड़े (New in-charge Vinod Tawde) भी इसके बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे और प्रदेश के नेताओं के साथ भावी रणनीति को अमली जामा पहनाएंगे। इस बीच बिहार बीजेपी के संगठन में भी बड़े बदलाव की संभावना है।
बिहार में जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अब नई लड़ाई की तैयारी में है। लगभग महीने भर पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली में बिहार बीजेपी के कोर ग्रुप के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाने के लिए कहा था। इसके बाद अब अमित शाह बिहार में पार्टी की जमीनी लड़ाई शुरू करने के लिए 23-24 सितंबर को बिहार के दौरे पर रहेंगे। शाह का यह दौरा सीमांचल क्षेत्र में होगा, जो मुस्लिम बहुल है। इसलिए भी इसका काफी महत्व है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक शुरुआत भर है। जल्द ही पार्टी के अधिकांश बड़े नेता पूरे राज्य का दौरा करेंगे।
गठबंधन टूटने से बढ़ी चुनौतियां
शाह का सीमांचल दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि गठबंधन टूटने के बाद यह भाजपा की कमजोर कड़ी है। इस क्षेत्र की चार लोकसभा सीट में दो कटिहार व पूर्णिया पर जदयू व किशनगंज में कांग्रेस के सांसद हैं। भाजपा के पास केवल अररिया की सीट है। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमएईएम के पांच विधायक भी इसी क्षेत्र से जीते थे। बाद में अधिकांश राजद में शामिल हो गए। इस क्षेत्र की सीटों पर मस्लिम मतदाता 30 से 70 फीसद तक हैं, जबकि पूरे राज्य में मुस्लिम आबादी लगभग 16 फीसद है।
हर क्षेत्र के हिसाब से रणनीति बनाएंगे
भाजपा ने हाल में ही संगठनात्मक बदलाव करते हुए राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को राज्य का प्रभारी बनाया है, तावड़े अभी तक हरियाणा का काम देख रहे थे। महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता तावड़े ने नई जिम्मेदारी मिलने के बाद राज्य के नेताओं से चर्चा भी शुरू कर दी है, हालांकि तावड़े को कुछ समय पहले ही बिहार की जिम्मेदारी संभालने के संकेत दिए जा चुके थे। यही वजह है कि पटना में हुई भाजपा के सभी राष्ट्रीय मोर्चों की संयुक्त बैठक में भी तावड़े खास तौर पर मौजूद रहे थे। तावड़े ने कहा है कि अमित शाह के दौरे के बाद वह राज्य के विभिन्न हिस्सों का व्यापक दौरा करेंगे और हर क्षेत्र के हिसाब से रणनीति पर काम करेंगे। राज्य में सामाजिक समीकरण काफी महत्वपूर्ण है, उसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि विपक्ष की भूमिका में आने के बाद भाजपा ने विधानसभा और विधान परिषद में अपने नेतृत्व बदले थे। संकेत हैं कि जल्द ही प्रदेश संगठन में बदलाव आएगा और नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इसमें भी सामाजिक समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
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