नई दिल्ली । फ्यूचर-अमेजन डील (Future-Amazon Deal) विवाद मामले में नया मोड़ आ गया है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इस मामले में एक अंतरिम आदेश दिया है, जो फ्यूचर ग्रुप के लिए एक बड़ी जीत है.
सिंगापुर ट्रिब्यूनल के फैसले पर अंतरिम रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमेजॉन के पक्ष में दिए गए सिंगापुर ट्रिब्यूनल (Singapore Tribunal) के आदेश को लागू करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह की अपील पर हाईकोर्ट ने ये अंतरिम आदेश सुनाया है.
अगली सुनवाई 1 फरवरी को
इसी के साथ दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए अगली तारीख 1 फरवरी तय कर दी है. साथ ही साफ किया है कि तब तक मध्यस्थता को लेकर दिए गए फैसले पर कार्रवाई थमी रहेगी.
CCI का आदेश भी Future Group के पक्ष में
हाल में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने भी फ्यूचर समूह के पक्ष में फैसला सुनाया था. आयोग ने अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन को डबल झटका देते हुए एमेजॉन और फ्यूचर कूपंस के बीच 2019 में हुई डील को सस्पेंड कर दिया था. इसी के साथ डील की अनुमति लेने के लिए अहम जानकारियां छिपाने को लेकर एमेजॉन पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
रिलायंस-फ्यूचर डील से जुड़ा मामला
असल में ये पूरा मामला रिलायंस और फ्यूचर समूह के बीच पिछले साल अगस्त में हुई 24,713 करोड़ रुपये की डील से जुड़ा है. Reliance-Future Deal के तहत फ्यूचर समूह की रिटेल और लॉजिस्टिक कंपनियों की पूरी हिस्सेदारी रिलायंस समूह को मिलने वाली है. लेकिन फ्यूचर समूह इस डील को लेकर अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी एमेजॉन के साथ सालभर से ज्यादा समय से कानूनी विवाद में उलझा है.
ये है फ्यूचर-एमेजॉन का पूरा विवाद
फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के पास बिगबाजार जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी कंपनी को खरीदने के लिए 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपये में फ्यूचर समूह के साथ एक सौदा किया. इससे रिलायंस को बिग बाजार के साथ-साथ फ्यूचर ग्रुप के अन्य रिटेल, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक मिलना है. लेकिन इस सौदे में एमेजॉन के साथ एक पेंच फंसा है.
दरअसल फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर ग्रुप की ही एक और कंपनी फ्यूचर कूपन्स की हिस्सेदारी है. इस फ्यूचर कूपन्स में 2019 में एमेजॉन ने 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. साथ ही उसे ये अधिकार भी मिला था कि भविष्य में फ्यूचर ग्रुप जब भी कंपनी की हिस्सेदारी बेचना चाहेगा तो एमेजॉन के पास उसे खरीदने का पहला अधिकार होगा. इस मामले में एमेजॉन सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत से अपने पक्ष में फैसला कराने में सफल रही है, जिसने इस डील पर रोक लगा दी है. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी फैसले के क्रियान्वयन पर रोक लगाई है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved