लखनऊ । उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों (UP local body polls) में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को बड़ा झटका लगने जा रहा है और बीजेपी (BJP) भारी जीत (Big victory) के लिए तैयार है । बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 60 से अधिक सीटें जीतने के अनुमान के साथ आगे बढ़ी है । चुनाव में 75 सीटें दांव पर हैं । अखिलेश यादव की पार्टी के केवल छह सीटें जीतने का अनुमान है ।
साल 2016 के जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी ने 75 में से 60 सीटों पर कब्जा कर लिया था । हालांकि चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव इस बात का कोई संकेत देने वाले होने की संभावना नहीं है कि अगले साल विधानसभा चुनाव में हवा किस दिशा में चलेगी । ऐसा नहीं है कि यह चुनाव बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक अंतिम परीक्षा के रूप में भी काम करेगा. इसके बावजूद स्थानीय निकाय चुनाव पर पैनी नजर रखी जा रही है ।
प्रयागराज, यानी इलाहाबाद में स्थानीय निकाय चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया । इस पर पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया.
यूपी बीजेपी के प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “बीजेपी ने 75 जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों में से 67 पर जीत हासिल की है । हम 2022 का विधानसभा चुनाव भी जीतेंगे ।”
बीजेपी के 21 और समाजवादी पार्टी का एक उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुआ है । उत्तर प्रदेश में लगभग 3,000 जिला पंचायत सदस्य हैं । इस चुनाव में राज्य के 75 जिलों के अध्यक्षों का चयन होगा. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ा है ।
यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव में नेताओं का निर्विरोध निर्वाचित होना कोई नई बात नहीं है । सन 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा जीती गईं 60 सीटों में से आधी निर्विरोध आई थीं । अखिलेश यादव तब मुख्यमंत्री थे. इसके एक साल बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में जीत हासिल की थी ।
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