नई दिल्ली(New Delhi) । गगनयान कब उड़ान(when will gaganyaan fly) भरेगा इसको लेकर बड़ी अपडेट(Big Update) आई है। इसके लिए इसरो पूरी तैयारी में जुट (full preparation in)गया है। गगनयान(Gaganyaan) के चार ट्रेंड पायलटों में से दो को ट्रेनिंग के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) भेजा जाएगा। साल के अंत में होने वाली इस ट्रेनिंग में नासा भी सहयोग कर रहा है। इसे एग्जिओम-4 मिशन का नाम दिया गया है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। नासा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक यह मिशन अक्टूबर 2024 तक शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि भारत पिछले साल ही गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल का टेस्ट कर चुका है। इसे व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 नाम दिया गया था। 21 अक्टूबर 2023 को इसके सफल टेस्ट के बाद इसरो चीफ ने वैज्ञानिकों को बधाई दी थी।
दोनों एस्ट्रोनॉट्स जाएंगे अमेरिका
गगनयान कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मिशन से पहले दोनों एस्ट्रोनॉट्स अमेरिका जाएंगे। यहां पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में उनकी ट्रेनिंग होगी। उन्होंने बताया कि भारत में इन एस्ट्रोनॉट्स को गगनयान मॉड्यूल से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है। वहीं, अमेरिका में इन लोगों को आईएसएस मॉड्यूल्स और प्रोटोकॉल्स के बारे में जानकारी दी जाएगी। भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को आईएसएस ले जाने वाला एग्जिओम-4 मिशन नासा और अमेरिकी कंपनी एग्जिओम स्पेस का चौथा प्राइवेट एस्ट्रोनॉट मिशन है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा। पिछले साल जब यह मिशन अनाउंस हुआ था तो नासा ने इसके बारे में जानकारी दी थी। इसके मुताबिक एक्स-4 क्रू मेंबर्स की ट्रेनिंग नासा के साथ होगी। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों और स्पेसएक्स को भी यहां ट्रेनिंग दी जाएगी।
पीएम मोदी के दौरे पर हुआ था अनाउंस
एग्जिओम स्पेस ने स्पेसएक्स कांट्रैक्ट किया है। इसमें स्पेस स्टेशन के ट्रांसपोर्टेशन के साथ-साथ प्राइवेट एस्ट्रोनॉट्स को सिस्टम, प्रोसीजर के साथ-साथ ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की इमरजेंसी तैयारियों के बारे में जानकारी देना शामिल है। पिछले साल जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे तो दोनों देशों का एक संयुक्त बयान आया था। इसमें कहा गया था कि नासा भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को एडवांस ट्रेनिंग देगा। उसी साल नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान कहा था कि स्पेस एजेंसी 2024 के अंत तक एक इंडियन एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए ट्रेनिंग देगी।
क्या है गगनयान मिशन
गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस मिशन है। इसमें 3 सदस्यों के दल को 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। 2018 में पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की घोषणा की थी। इसके साल 2022 तक ही पूरा करना था, लेकिन कोविड के चलते इसमें देरी हो गई। बता दें कि भारत की पहली ह्यूमन स्पेसफ्लाइट 2025 तक उड़ान भर सकती है। अभी तक भारत का एक भी मानव रहित अंतरिक्ष यान उड़ान नहीं भर पाया है। दो सफल मानव रहित अंतरिक्ष यान की उड़ान के बाद ही ह्यूमन स्पेसफ्लाइट लांच होगी।
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